UPENDRA SINGH ALOK 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid UPENDRA SINGH ALOK 8 Mar 2022 · 1 min read महिला दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं ! महिला दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं प्रेषित हैं उन श्रद्धा स्वरूपा महिलाओं के नाम जिनकी कूबत से इतिहास ने नया मार्ग पाया समाज ने नई दृष्टि पाई , और घर जीता-जागता... Hindi · मुक्तक 2 250 Share UPENDRA SINGH ALOK 18 Feb 2021 · 1 min read अघोषित नायक काश... प्रेमचंद आज तुम होते! सुनी सुनाई ना सुनकर अपनी आंखों देखते किसानों के सड़कों का कोहराम इच्छाधारी गिद्धों को हलिक की बदहाली, गरीबी पर घड़ियाली आंसू बहाते। और लालकिले... Hindi · कविता 301 Share UPENDRA SINGH ALOK 18 Feb 2021 · 1 min read मन की शांति पारिवारिक सामाजिक और मानसिक शान्ति के लिए धर्म स्थापित हुए। धर्म; यानी रिश्तों का अहसास धर्म अर्थात मानवीय कर्तव्यों का बोध; पता नहीं अनुयायियों में स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने... Hindi · कविता 1 462 Share UPENDRA SINGH ALOK 12 Sep 2018 · 1 min read हाइकु एक जाति बँटेगी , सरकार बनेगी, देश डूबेगा ।। दो मंत्री जी बन, फिर पशुचारा खा, लोकतंत्र ला ।। तीन परीक्षा होगी, सितारे भी मिलेंगे, गुब्बार शांत।। Hindi · हाइकु 1 502 Share UPENDRA SINGH ALOK 11 Sep 2018 · 1 min read अभिनंदन उनको मेरा अभिनंदन ।। दिया जिन्होंने अस्थि काट कर, मानवता हित अंग छाँट कर धड़कन में थी प्यार की बोली, वतन पे जिनका जीवन अर्पण । उनको मेरा अभिनंदन ।... Hindi · कविता 382 Share UPENDRA SINGH ALOK 11 Sep 2018 · 1 min read तन्हाई चाह थी आँखों की जो वर्षों पुरानी, आज उसको खा गई तेरी नादानी । हाय! दिल दुहरा नहीं सकती कहानी, देख अरमा बन गई है आज पानी, हसीन अरमा लुट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 375 Share UPENDRA SINGH ALOK 10 Sep 2018 · 1 min read परिचय मेरा जनम हुआ है इस वतन के वास्ते मेरा जीना मरना है इस वतन के वास्ते । मेरा हबीब वतन है मेरा नसीब वतन, मेरी शान वतन है और मैं... Hindi · कविता 399 Share UPENDRA SINGH ALOK 9 Sep 2018 · 2 min read नारी तेरा उद् बोधन......संबोधन! मैं नारी हूँ, सृष्टि का सृजनहार ! मैं इड़ा भी हूँ और श्रद्धा भी हूँ . मैं सारस्वत प्रदेश की देवी... सरस्वती. जिसकी गोद में सभ्यता ने आँखें खोली, मैं... Hindi · लेख 523 Share UPENDRA SINGH ALOK 8 Sep 2018 · 1 min read अहसास के आईने में फूल तुझको दिया हर धड़कन के लिए, मुझको काँटे मिले हैं चुभन के लिए. प्यार ही प्यार दामन में सजता रहे, मैं मचलता रहा उस सपन के लिए. होठों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share UPENDRA SINGH ALOK 7 Sep 2018 · 1 min read कुंडलियाँ वोटतंत्र की मार से, लोकतंत्र लाचार. जनता व्याकुल पीस रही, फैला भ्रष्टाचार. फैला भ्रष्टाचार, मार जनता ही खाती. संसद सेवा विमुख, विपुल सत्ता सुख पाती. संविधान की आड़ में, करते... Hindi · कुण्डलिया 292 Share UPENDRA SINGH ALOK 6 Sep 2018 · 1 min read कुंडलियाँ एक प्रजातंत्र की लूट है, लूट सके तो लूट. अंत समय पछताओगे, पार्टी जाएगी टूट.. पार्टी जाएगी टूट, फूट जब दल में होगा, रह जाएगा हाथ, साथ जो तुमने भोगा..... Hindi · कुण्डलिया 271 Share UPENDRA SINGH ALOK 6 Sep 2018 · 1 min read चंद असआर कलमकारों के नाम ज़माना जब जुबाँ वो जिस्म पे पहरे बिठाता है, बगावत कर गुजरने को कलम तब बोल उठती है. सियासत और सियासतदारों की अब बात क्या कीजै, बदलती रंग दुनियाँ की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 684 Share UPENDRA SINGH ALOK 6 Sep 2018 · 1 min read शायर विवश किया है लिखने को कुछ मौंसम की अंगराई ने, और अपनी तनहाई ने कि "बसंत आ गया है." मधुवन के मंजर भींने कहते, कहते भौंरों के गुंजार मदमाती हवा... Hindi · मुक्तक 521 Share UPENDRA SINGH ALOK 6 Sep 2018 · 1 min read स्वागत गीत स्वागत है आपका, दर पे हमारे आए. पलकें बिछाई हमने,धड़कन भी गीत गाए. दर पे आप आए, जैसे कि चाँद आए, गुलशन बहारे लाए, हर गुल्ची खिलखिलाई, उजड़े हुए चमन... Hindi · गीत 545 Share UPENDRA SINGH ALOK 6 Sep 2018 · 1 min read सरस्वती वंदना जय वाणी, वर दे कल्याणी. शोभित है वीणा पाणी में, सुधा बरसती है वाणी में, दानी है भुवन भर की माँ, तूँ भी माँग वर दे कल्याणी. जय वाणी, वर... Hindi · कविता 1 2 359 Share