Dr. Rajeev Jain Tag: कविता ग़ज़ल ज़र्द सहमा 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read इस कदर भीगा हुआ हूँ इस कदर भीगा हुआ हूँ पाँव से सर तक गीला हुआ हूँ ज़र्द आँखें किसी की देखकर भीतर तक कहीं पीला हुआ हूँ उजड़े सारे चमन अपनी हवाओं से अपनों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता ग़ज़ल ज़र्द सहमा 1 89 Share