parvez khan Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid parvez khan 16 May 2024 · 1 min read या इलाही फ़ैसला कर दे…. या इलाही फ़ैसला कर दे…. या इलाही फ़ैसला कर दे रात को रौशन कर दे मजधार में फंसी है किश्ती को साहिल कर दे रोक ले आफ़त को रहमत से... Hindi 1 142 Share parvez khan 15 May 2024 · 2 min read ये दिल न जाने क्या चाहता है... ये दिल न जाने क्या चाहता है गरीब को खुश देखना चाहता है भूले को राह दिखाना चाहता है भूखे को भर पेट खिलाना चाहता है नंगे का तन ढांकना... Hindi · कविता 2 166 Share