parvez khan 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid parvez khan 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है……परवेज़ ज़िंदगी कभी बहार तो कभी ख़ार लगती है कभी मेहबूब को तभी दग़ाबाज़ लगती है पल-पल बदलते रहते हैं रग-व-रूप कभी दिलकश तो कभी गमख्वार लगती है कभी गुल तो... 1 102 Share parvez khan 16 May 2024 · 1 min read या इलाही फ़ैसला कर दे…. या इलाही फ़ैसला कर दे…. या इलाही फ़ैसला कर दे रात को रौशन कर दे मजधार में फंसी है किश्ती को साहिल कर दे रोक ले आफ़त को रहमत से... Hindi 1 141 Share parvez khan 15 May 2024 · 2 min read ये दिल न जाने क्या चाहता है... ये दिल न जाने क्या चाहता है गरीब को खुश देखना चाहता है भूले को राह दिखाना चाहता है भूखे को भर पेट खिलाना चाहता है नंगे का तन ढांकना... Hindi · कविता 2 165 Share