विनायक नाथ तिवारी Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनायक नाथ तिवारी 28 Jun 2021 · 1 min read जीवन की फुलवारी में जीवन की फुलवारी में तुम तितली बन कर आयी हो। खिली खिली है बगिया जबसे रंग अपने बिखरायी हो। ये सूरज पहले भी उगता था, सुनहरी छटा बिखरती न थी... Hindi · कविता 369 Share विनायक नाथ तिवारी 20 Jun 2021 · 2 min read रुपिया गिरा रे रुपिया गिरा रे.. हाय..रुपिया गिरा रे मोदी के सरकार में रुपिया गिरा रे मोदी के सरकार में रुपिया गिरा ,रुपिया गिरा रुपिया गिरा हाय हाय हाय रुपिया गिरा रे मोदी... Hindi · कविता 331 Share विनायक नाथ तिवारी 17 Jun 2021 · 1 min read बाल कविता कोयल की मिठी बोली जब कु कु कु कर बुलाती है कानों में कोयल कि सुर तब पायस अमृत बन कर आती हैं दादी,नानी जब सुनाकर कहानी गुड़िया रानी को... Hindi · कविता · बाल कविता 1 644 Share विनायक नाथ तिवारी 28 May 2021 · 1 min read तुम देव हो ! जब अश्रुपूरित नेत्र हों, और हृदयात्मग्लानित हो, समझ लेना,तुम देव हो!! तुम देव हो!! जब अनभिग्यापराध हेतु, अपराध बोध स्वयं हो, समझ लेना तुम देव हो!! तुम देव हो!! बेध... Hindi · कविता 1 2 308 Share विनायक नाथ तिवारी 28 May 2021 · 1 min read मूर्ख सिर्फ जनता है गांधी जी है प्रेरणा प्रयास सिर्फ सत्ता है। विचार गया भाड़ में मूर्ख सिर्फ जनता है। वोट देकर पार्टी को विकास की तलाश में, युवा सिर्फ घूम रहे नोकरी की... Hindi · कविता 366 Share