स्वतंत्र ललिता मन्नू 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid स्वतंत्र ललिता मन्नू 6 Sep 2024 · 1 min read विकल्प///स्वतन्त्र कुमार एक सच जिसे मेरे जहन ने बड़ी तसल्ली से समझा है वो ये है कि जिस वस्तु के जितने अधिक विकल्प होते हैं उसको प्राप्त करने के लिए प्रयास उतने... Hindi 43 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 5 Sep 2024 · 1 min read जहन के भीतर///स्वतन्त्र ललिता मन्नू जहन एक रास्ता है जो जाता है बन्द गली में इस गली के आखरी छोर पर एक मकान है। और मैं जाता हूँ जीवन के कुछ चुभते हुए सवालों को... 51 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 5 Sep 2024 · 1 min read इस संसार मे इस संसार मे सबसे दुखदायी है मनुष्येतर योनि में जन्म लेना। और उससे बस थोड़ा सा ही कम दुखदायी है निर्धनता में जन्म लेना। ---स्वतन्त्र--- Quote Writer 1 49 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 5 Sep 2024 · 1 min read बादल///स्वतन्त्र ललिता मन्नू बहुत साल पहले जब मैं अपने घर से बहुत दूर था मुझे एक पहाड़ दिखता था तब मुझे लगता था कि इस पहाड़ के दूसरी तरफ मेरा घर है। पर... Hindi 29 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 15 Jan 2024 · 1 min read इश्क़ में कैसी हार जीत इश्क़ में कैसी हार जीत किस बात की मुख्तारी है चलो सारी बातें अच्छी तेरी और सारी भूल हमारी है. स्वतंत्र ललिता मन्नू Quote Writer 93 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 15 Jan 2024 · 1 min read इश्क़ में कैसी हार जीत इश्क़ में कैसी हार जीत किस बात की मुख्तारी है चलो सारी बातें अच्छी तेरी और सारी भूल हमारी है. Quote Writer 1 81 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 18 Dec 2018 · 2 min read फोटोज़ तुम्हारे फोटोज हमेशा बहुत सुन्दर आते हैं। । पर उस दिन वाले तो सबसे प्यारे लगे थे मुझे। । याद है एक दिन जब मैं बुखार मे तप रहा था।... Hindi · कविता 1 1 353 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 7 Nov 2018 · 1 min read इन्तजार करता हुआ तुम्हारे साथ नही हूँ फ़िर भी एक अहसास है कि जैसे मैं तुम्हारे साथ हूँ वही।।। घर पर अकेला।।।इन्तजार करता हुआ।।। घर पर अकेला।।। इन्तजार करता हुआ।।। ताकता हुआ राह... Hindi · कविता 2 4 545 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 6 Nov 2018 · 1 min read बेहतर नही तो बुरा ही कह बेहतर नही तो बुरा ही कह ज्यादा नही तो जरा ही कह चुप ना रह ये चुभता है अन्तर्मन फिर जलता है दर्मियां हमारे उगा हुआ फासला फिर किस उम्मीद... Hindi · कविता 3 2 252 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 6 Nov 2018 · 1 min read हाईकु तुम ना आना रुला देता है फ़िर यूँ चले जाना स्वतंत्र ललिता मन्नू नई दिल्ली Hindi · हाइकु 3 2 335 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 6 Nov 2018 · 1 min read सब कुछ भुला के चला गया यूँ लगा की सब कुछ भुला के चला गया। हँसते हुए चेहरे को रूला के चला गया। देख रही थी आँखे उसे मैने थामी थी उंगलियाँ अचानक वो हाथ अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 558 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 6 Nov 2018 · 1 min read वो भूखा ही सोया रहेगा मैं एक बेटा हूँ, जिसकी एक बूढ़ी माँ है उसे सम्भालने के लिये। । मैं पिता भी हूँ एक बच्चे का । एक बच्चा जो खो चुका है अपनी माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 25 351 Share स्वतंत्र ललिता मन्नू 6 Nov 2018 · 1 min read इधर कोने मे मेरी वफा रखी है। ये क्या हालत बना रखी है । शायद सबसे निभा रखी है। खोये खोये से दिखते हो जैसे आरजू कोई दिल में दबा रखी है। उधर खूंटी पर है उल्फत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 411 Share