Dr Mukesh 'Aseemit' 31 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr Mukesh 'Aseemit' 26 Jun 2024 · 1 min read दिल की रहगुजर **ग़ज़ल** इस दिल की रहगुजर से , गुजर नहीं जाता, गुजरता है हर गली मगर ,इधर नहीं जाता । सजाये हैं हमने भी चमन ए गुलिश्ता , ख्वाबों के चमन... Hindi · ग़ज़ल 1 11 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 24 Jun 2024 · 1 min read पहली बारिश मेरे शहर की- राहत तीखी धुप से ,राहत सूखे नल और कूप से ! तृप्त तपते रास्ते, सजल सूखी कलियाँ , भीगी धुल से धूसरित शहर की गलियां । आकाश में चुनरिया ओढ़े... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 14 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 22 Jun 2024 · 1 min read तू अपना सफ़र तय कर -कविता वाटर स्लाइड की तरह है जन्दगी का सफ़र , हर मोड़ पर रुकावटें और फिसलने का डर। हिम्मत और जुनून के पानी के बहाव में, तू अपना सफर तय कर।... Hindi · कविता · गीत 13 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 21 Jun 2024 · 1 min read अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग सीखें लोग सब ,रोग भगे दूर तब , भारत की भूमि का ये रत्न निराला है। बैठ सब आसन पे,नियमित सांसन पे, चारों और देखो योग का बोलबाला है... Hindi · कविता · कुण्डलिया 17 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 20 Jun 2024 · 1 min read गजल ए महक हम इश्क के नशे में इस कदर महक रहे हैं, दो पंछी एक डाल पर जैसे चहक रहे हैं। तेरे आने की खबर से दिल का आलम महका , तेरे... Hindi · कविता · ग़ज़ल 17 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 19 Jun 2024 · 1 min read यार नहीं -गजल **ग़ज़ल** कभी गुलजार रहे , चमन में बहार नहीं, खैरियत पूछने वाला, शहर में यार नहीं। यु तो शानो शौकत की सजी हुई महफिलें , कोई दिल से मिले ,... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 24 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 18 Jun 2024 · 1 min read सरकारी जमाई -व्यंग कविता रुक गए तीर बाप के ताने के , आने लगे रिश्ते घरजमाई बनाने के। हर तरफ बधाई और वाह वाही है , मुस्कुराइए कि आप सरकारी जमाई हैं। मोहाले की... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 21 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 18 Jun 2024 · 1 min read **कविता: आम आदमी की कहानी** राशन की लम्बी लाइन, थकान से चूर काम हूँ, किश्तों की मार में, पिसता सुबह और शाम हूँ, रेल ,बस की धक्कामुकी और ट्रैफिक जाम हूँ , क्या करूँ में... Hindi · कविता · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 21 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 17 Jun 2024 · 1 min read दिल के फ़साने -ग़ज़ल अब वो दिल का फ़साना नहीं रहा, इश्क़ करने का जमाना नहीं रहा। वो मोहब्बत की दीवानगी का आलम , दिल में अब किसी का ठिकाना नहीं रहा। जो कभी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 21 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 16 Jun 2024 · 1 min read "हर बाप ऐसा ही होता है" -कविता रचना गली के नुक्कड़ पे खिलौना बेचता, टूटी चप्पल में भी सपनों को सहेजता , बिजली के बिल की लम्बी कतारों में खोता है , हर बाप ऐसा ही होता है... Hindi · कविता · गीत 23 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 16 Jun 2024 · 3 min read "पिता दिवस: एक दिन का दिखावा, 364 दिन की शिकायतें" अरे वाह! पितृदिवस फिर आ गया, अब हम सब एक दिन के लिए 'पापा प्रेमी' बन ही जाते हैं। सोशल मीडिया पर सेल्फियों की बाढ़ आ जाएगी और हम यह... Hindi · कहानी · लेख · संस्मरण · हास्य-व्यंग्य 22 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 16 Jun 2024 · 1 min read **ग़ज़ल: पापा के नाम** ज़िन्दगी में खुशियों की लड़ी , हैं पापा अनमोल उपहारों की झड़ी , हैं पापा धरती सा धीरज, आसमां सी महक, जमीनी हकीकत की कड़ी , हैं पापा जब भी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 15 Jun 2024 · 1 min read नहीं मैं -गजल ग़ज़ल: गीत कोई नया गाता नहीं मैं। शेर कोई नया सुनाता नहीं मैं ! होंठों पे खामोशी की जमी हुई पर्त, बिना मतलब के हटाता नहीं में | दिल धड़कता... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 26 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 14 Jun 2024 · 1 min read " कैसा हूँ " " कैसा हूँ " जनाब पूछना ही है तो , आकर पूछो कैसा हूँ, हाल अपने दिल का भी , सुनाकर पूछो कैसा हूँ। जज्बात बिखरे पड़े हैं बेखबर से... Hindi · कविता · ग़ज़ल 17 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 12 Jun 2024 · 1 min read जीवन की रंगीनियत जीवन की रंगीनियत बदल ना जाए , ये हसीं शाम कहीं ढल ना जाए | मयखाने से निकले बहके हुए कदम, दुनिया के रस्मो रिवाज में संभल न जाए |... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 25 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 11 Jun 2024 · 4 min read आज रविवार है -व्यंग रचना आज रविवार है, आप सोच रहे होंगे जैसे आप सभी के लिए रविवार ख़ास होता है मेरे लिए भी होगा ! नौकरीपेशा लोगों के लिए तो में समझ सकता हूँ... Hindi · लेख · हास्य-व्यंग्य 26 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 11 Jun 2024 · 5 min read परामर्श शुल्क –व्यंग रचना पेशे से डॉक्टर हूँ, और चूंकि मेरे घर का खर्चा भी इसी डॉक्टरी से चलता है, तो जाहिर है, मेरी नज़रें परामर्श शुल्क पर वैसे ही टिकी रहती हैं जैसे... Hindi · लेख · हास्य-व्यंग्य 25 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 10 Jun 2024 · 1 min read जज्बात की बात -गजल रचना जज्बातों का सिलसिला कुछ इस कदर चला है , तेरे मेरे दरमियाँ बहार ए गुलिश्ता खिला है। मुलाकातों की वो महफिल सज गई जब, चाँदनी रात में मुलाक़ातों का सिलसिला... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 28 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 9 Jun 2024 · 1 min read सब गोलमाल है दिल के जज़्बातों का यहाँ चला है कारोबार , इश्क का सजा बाजार ,यहाँ सब गोलमाल है। मक्कारों की महफ़िल में हर लफ़्ज़ है फ़साना, इज्जत का लुटा खजाना ,... Hindi · Gajal · कविता · गजल · गोलमाल 23 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 8 Jun 2024 · 2 min read प्रेम की गहराई तू चाँदनी रातों का सुकोमल आँचल, मैं धरा का अतृप्त सावन। तेरी मुस्कान ज्यों नवपल्लवित पुष्प, मैं भौंरा, मधुमय मनभावन । मैं गुलकंद सुपारी , तू मीठा बनारसी पान ।... Hindi · कविता · प्रेम · प्रेम कविता · प्रेम की गहराई 1 26 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 8 Jun 2024 · 1 min read **"कोई गिला नहीं " ज़िंदगी के सफर में हैं ,मंजिल का पता नहीं, हर मोड़ दे रहा सबक , हमें कोई गिला नहीं। किसी ने फूल से नवाजा ,किसी ने बिछाए कांटे , खाए... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गिला 28 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 7 Jun 2024 · 1 min read वाह भाई वाह वाह भाई वाह - सड़कों पर गड्ढे ,दारु के अड्डे , बैठे निठल्ले ,सन्डे हो या मंडे गली के छोरे ,निरे छिछोरे , मारें सीटी निकले आह जेबें खाली, सपने... Hindi · असीमित · कविता · मध्यमवर्गीय · मुकेश · वाह भई वाह 30 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 7 Jun 2024 · 1 min read **ये गबारा नहीं ‘ग़ज़ल** चंद सिक्कों की खनक की खातिर , चंद सिक्कों की खनक की खातिर , बेच दूँ अपना जमीर 'ये गबारा नहीं '। जानता हु फरेबी सी दुनिया की हकीकत ,... Hindi · Gajal · कविता · गजल 17 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 6 Jun 2024 · 1 min read लोकतंत्र के प्रहरी लोकतंत्र के प्रहरी - झूठे वादों की धुन पर नाचते जनतंत्र के प्रहरी , हर वादा किताबी किस्से की झूठी दास्तान है । दबी सच की आवाज ,सजने लगा राजनीति... Hindi · कविता · ग़ज़ल · लोकतंत्र · सीमा प्रहरी/सिपाही 1 30 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 6 Jun 2024 · 3 min read मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख हे प्रजातंत्र के प्रहरीगण, लोक तंत्र के इस विशाल नाटक का पटाक्षेप हो गया है. नाटक जहाँ झूठे वायदों की दुंदभी के आगे सच्चे संकल्प और भाव की तूती की... Hindi · काल/समय · राजनीति · लेख · लोकतंत्र 1 33 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 5 Jun 2024 · 1 min read *पर्यावरण दिवस * * जंगल के दरख्तों को उतार कर आँगन में, हमने एक दिन का मेला सजाया है। 'पर्यावरण दिवस' के नाम पर, बाज़ार ने फिर से नाटक रचाया है। धरती माँ की... Hindi · कविता · गीत · पर्यावरण दिवस · पर्यावरण दिवस विशेष 1 30 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 5 Jun 2024 · 7 min read नेताजी का पर्यावरण दिवस आयोजन एयर कंडीशंड हॉल में चक्के वाली गद्देदार कुर्सी पर अपनी मोटी तोंद को धंसाते हुए वन विभाग के आला अधिकारी मनसुख लाल बैठे हुए थे .वक्त काटने के लिए सूरज... Hindi · नेताजी · पर्यावरण · व्यँग 26 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 5 Jun 2024 · 1 min read Jindagi Ke falsafe ज़िंदगी के फ़लसफ़े, कुछ हासिल हुए मुकाम , हर रास्ते पे, मंज़िलों की तलाश अधूरी सी है। आँखों में नमी है, दिल में कुछ कमी सी है, अधरों में हंसी,... Hindi · Falsafe · Jindagi · Kavita · कविता 1 28 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 4 Jun 2024 · 1 min read **पर्यावरण दिवस ** जंगल के दरख्तों को उतार कर आँगन में, हमने एक दिन का मेला सजाया है। 'पर्यावरण दिवस' के नाम पर, बाज़ार ने फिर से नाटक रचाया है। धरती माँ की... Hindi · कविता · पर्यावरण दिवस 1 33 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 3 Jun 2024 · 1 min read सब बिकाऊ है बिकाऊ है जर जोरू और जमीन यहाँ , बिकाऊ है जिंदगी तो मौत भी ग़मगीन यहाँ । बिकाऊ रोशनी तो बिकाऊ अँधेरा भी है , बिकाऊ सुहानी शाम और सुनहरा... Hindi · Hindi Kavita · कविता · बिकाऊ 30 Share Dr Mukesh 'Aseemit' 3 Jun 2024 · 6 min read “लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना एक लेखक के लिए क्या चाहिए? खुद का निठल्लापन, उल-जलूल खुराफाती दिमाग, डेस्कटॉप और कीबोर्ड का जुगाड़, और रचनाओं को झेलने वाले दो-चार पाठकगण। कुछ जानकार प्रकाशकों से भी जुगाड़... Hindi · आत्म-प्रतिबिंब · कल्पनाशीलता · रचनाएं · व्यंग्य 1 40 Share