swati katiyar 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid swati katiyar 25 Jul 2023 · 1 min read कश्मकश अजब कश्मकश है इस मन की, न पाने की निराशा भी है, अधूरेपन का सुख भी। बावस्तगी की जुस्तजू भी है, अलहदगी की अजमाइश भी। एकांत प्रेम की परिभाषा भी... Hindi 1 479 Share swati katiyar 2 Jul 2023 · 1 min read विरक्ति कितनी भयावह है ये घटना किसी के हृदय से प्रेम की विरक्ति हो जाना, जो प्रेम जीवन का श्रोत है उससे ही खाली हो जाने के बाद क्या ही बचता... Hindi 2 1 430 Share swati katiyar 14 Jun 2023 · 1 min read औरत ही है औरत की दुश्मन क्यूं सिखा दिए तुमने पैदा होते ही उसको औरत होने के सब पैमाने, कि ज़रूरी हैं तुम्हारे लिए चांद सी सूरत होना, ममता की मूरत होना, त्याग और लज्जा के... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1 930 Share swati katiyar 12 Jun 2023 · 1 min read झूठे रिश्ते कैसी ये चाहते हैं, कैसे ये रिश्ते हैं। अपने अपने ज़ख्म भरने को बांधी प्यार की किश्ते हैं। एक मरहम काम न आए तो दूजा आजमाकर, कौन किसके कितने काम... Hindi · मुक्तक 2 350 Share