sushil sharma Tag: दोहा 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read नम्रता पर दोहे नम्रता पर दोहे सुशील शर्मा सच्चा सद्गुण नम्रता ,है अमूल्य यह रत्न। नम्र सदा विजयी रहे, व्यर्थ अहं के यत्न। नम्र सदा हरि प्रिय रहें ,नम्र आत्म का रूप। नम्र... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 370 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read गणपति दोहे गणपति प्रथम पूज्य गिरजा तनय,कोटि सूर्य सम आभ। विघ्नविनाशक आप हैं,जीवन के शुभ लाभ। लंबोदर गजकर्ण का,विघ्नविनाशक रूप। सिद्ध सभी कारज करें,पावन रूप अनूप। शंकर सुत हे विश्वमुख,हे गणराज... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 85 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read बस्ता हिन्दी दोहे बस्ता बस्तों में सपने लिए,पढ़ते सारे छात्र। कुछ पीछे हैं छूटते, कुछ होते हैं पात्र। बस्ता में पुस्तक रखें, मन में रखें उमंग। विद्यालय भरता सदा, जीवन में... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 72 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read नवसंवत्सर पर दोहे नवसंवत्सर पर दोहे सुशील शर्मा चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा ,सूर्य भ्रमण हो मेष। नवसंवत्सर हो शुरू ,हर्ष विमर्श अशेष। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा,मधुर हर्षमय भोर। नव संवत्सर आ गया ,मधुमय... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 77 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read मानस कुण्डलिया छंद (तुलसी जयंती पर विशेष ) 1.मानस पावन मानस की कथा,शुभ्र अमिय का रूप। जीवन का संतोष धन,हरती सब विद्रूप। हरती सब विद्रूप,पाप से मुक्त कराती। मानवता सन्देश,कुटिलता को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 58 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read शिक्षक पर दोहे शिक्षक पर दोहे सुशील शर्मा शिक्षक जीवन वृक्ष है ,प्राणवायु है ज्ञान। अहंकार को नष्ट कर ,देता सुपथ विधान। है दधीच का अंश यह ,देता सब कुछ त्याग। शिष्य अगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 101 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read हिंदी पर कुण्डलिया छंद हिंदी पर कुण्डलिया छंद 1. हिंदी जीवन की सुधा ,हिंदी मन अस्तित्व। हिंदी से ही सज रहा ,जन -जन का व्यक्तित्व।। जन-जन का व्यक्तित्व ,बिना हिंदी सब सूने । बनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 80 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read मकर संक्रांति कुण्डलियाँ छंद मकर संक्रांति 1 पोंगल बीहू लोहड़ी ,मकर राशि आदित्य। बिखरा है हर ओर अब ,मौसम का लालित्य।। मौसम का लालित्य,सूर्य अब उत्तरगामी। मन है उड़ी पतंग ,डोर प्रभु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 68 Share