Sureshpal Jasala Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 2 min read ***हम तो कबूतर शांति पथ के*** ***हम तो कबूतर शांति पथ के*** [मुहावरों का प्रयोग] **************************************** हम तो कबूतर शांति पथ के ,क्यूँ उल्लू हमको घूर रहे। मानवता है धर्म हमारा , वो मानवता से दूर... Hindi · कविता 1k Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 1 min read नवविधा - ''वर्ण पिरामिड' ((((((****यह मेरी नवविधा है - ''वर्ण पिरामिड''****))))) [इसमे प्रथम पंक्ति में -एक ; द्वितीय में -दो ; तृतीया में- तीन ; चतुर्थ में -चार; पंचम में -पांच; षष्ठम में- छः;... Hindi · कविता 2 807 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 1 min read **** भीषण गर्मी **** **** भीषण गर्मी **** यूँ गर्मी का रंग चढ़ा ,उल्का सी पड़ी है आँगन में । रुष्ठ हुए हैं इन्द्रदेव ,आग लगी है सावन में ।। उत्पात मचा था उष्ण... Hindi · कविता 811 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 2 min read ---------मानवता का दीप -------- ---------मानवता का दीप -------- उगते सूरज का मैं मन से ,अति अभिनन्दन करता हूँ-- सप्त अश्व पर चढ़कर आता ,उसका वंदन करता हूँ-- पवन देव की मधुर सुगंध का ,ये... Hindi · कविता 1 769 Share Sureshpal Jasala 1 Jul 2016 · 2 min read *******वीर जवानों की गाथायें ******* *******वीर जवानों की गाथायें ******* वीर जवानों की गाथायें,तुमको आज सुनाता हूँ ; तूफानों में डटे रहे जो ,उनको शीश झुकता हूँ ; कर्मपथ के वे अनुरागी ,मैं तो उनका... Hindi · कविता 1 2k Share