surenderpal vaidya Tag: वाचिक स्त्रग्विणी 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 11 Apr 2024 · 1 min read * प्यार का जश्न * ** मुक्तक ** ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ प्यार का जश्न मिलकर मनाएं सभी। गीत मिलकर नया गुनगुनाएं सभी। एक उत्सव बने जिन्दगी का सफर। आपबीती सुखद जब सुनाएं सभी। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ भक्ति रस में... Hindi · मुक्तक · वाचिक स्त्रग्विणी 1 1 117 Share surenderpal vaidya 20 Mar 2024 · 1 min read * शक्ति है सत्य में * ** गीतिका ** ~~ शक्ति है सत्य में जब समाहित सदा। साथ देना जरूरी बहुत सर्वदा। ये पराजित नहीं है कभी भी हुआ। है हमेशा रहा साथ मंगल प्रदा। सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 4 3 112 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * सामने आ गये * ** गीतिका ** ~~ सामने आ गये मुस्कुराते हुए। जल उठे हैं ह्रदय में अनेकों दिए। अब हमें यह पता चल गया क्या कहें। हम निशा में भटकते हुए क्यों... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 1 147 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * भावना स्नेह की * ** गीतिका ** ~~ भावना स्नेह की क्यों छिपाते रहे। खूबसूरत अधर मुस्कुराते रहे। देखकर डालियों पर खिले फूल हैं। गीत हम स्नेह से गुनगुनाते रहे। मधुर खूब ऋतुराज का... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 155 Share surenderpal vaidya 15 Jan 2024 · 1 min read * पहचान की * ** गीतिका ** ~~ है जरूरत नहीं आज पहचान की। देख लो रौशनी खूब दिनमान की। फूल खिलने लगे मुस्कुराने लगे। खूब कीमत रही आज मुस्कान की। मुश्किलें जब कभी... Hindi · २१२×४ · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 1 148 Share surenderpal vaidya 27 Dec 2023 · 1 min read * मुस्कुराते हुए * ** गीतिका ** ~~ सामने आ गये मुस्कुराते हुए। जल उठे हैं ह्रदय में अनेकों दिए। अब हमें यह पता चल गया क्या कहें। हम निशा में भटकते हुए क्यों... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 3 167 Share surenderpal vaidya 27 Oct 2023 · 1 min read * हाथ मलने लगा * ** गीतिका ** ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ सत्य जब हाथ मलने लगा देखिए। झूठ का पर निकलने लगा देखिए। बिन दिए जब नहीं है मिला कुछ यहां। छद्म सहयोग छलने लगा देखिए। साथ... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी · सत्य 2 1 114 Share surenderpal vaidya 21 Oct 2023 · 1 min read ** लिख रहे हो कथा ** ** गीतिका ** ~~ क्यों जुदाई भरी लिख रहे हो कथा। बढ़ चलो राह में भूल कर हर व्यथा। पा सका है वही नींद सुख चैन की। नित्य जिसने यहां... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 1 111 Share