surenderpal vaidya Tag: लावणी छंद 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 13 Aug 2024 · 1 min read हिन्दी भाषा गीतिका ~~~ हिन्दी भारत की भाषा है, सब इसका सम्मान करें। सभी स्थान हर अवसर पर हम, इसका ही गुणगान करें। वेदों की वाणी संस्कृत है, हम सब की पहचान... Hindi · गीतिका · लावणी छंद · हिन्दी 1 1 76 Share surenderpal vaidya 21 Jun 2024 · 1 min read हवा चल रही गीतिका ~~~ हवा चल रही मंद मंद तब, झूम रही हर डाली है। मन में नयी उमंग जगाती, मनहर छटा निराली है। सूरज बादल में छुप जाता, गर्मी से राहत... Hindi · गीतिका · लावणी छंद 1 65 Share surenderpal vaidya 21 May 2024 · 1 min read नाटक नौटंकी गीतिका ~~ नाटक नौटंकी करते हैं, धन दौलत की चाह बहुत। औरों को बस स्वप्न दिखाते, है अपनी परवाह बहुत। राजनीति के आदर्शों की, नित्य गिरा देते गरिमा। कार्य अनैतिक... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 92 Share surenderpal vaidya 10 May 2024 · 1 min read मौसम गीतिका ~~ शुरू कर दिये मौसम ने भी, तेवर खूब दिखाने अब ग्रीष्म ऋतु सब शीतल जल के, देखो हुए दिवाने अब कल तक जो बातें करते थे, साथ दो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 89 Share surenderpal vaidya 29 Feb 2024 · 1 min read * धीरे धीरे * ** गीतिका ** ~~ धीरे धीरे खोल दीजिए, बंद पड़ी अलमारी को। रहें सुरक्षित सारी चीजें, पूर्ण करें तैयारी को। लेकिन मन में राज हमेशा, कहां सुरक्षित रह पाते। कहां... Hindi · गीतिका · लावणी छंद 1 1 113 Share surenderpal vaidya 11 Jan 2024 · 1 min read * धन्य अयोध्याधाम है * ** गीत ** ~~ भारत की यह धरा धन्य है, धन्य अयोध्याधाम हैं। खूब दिवाली सभी मनाओ, आए प्रभु श्रीराम हैं। छोटे छोटे शर तरकश में, धनुष लिए कर में... Hindi · ShriRamBhajan · अयोध्याधाम · गीत · लावणी छंद 1 1 175 Share surenderpal vaidya 22 Dec 2023 · 1 min read * भोर समय की * ** गीतिका ** ~~ जब प्राची में रक्तिम आभा, ऊषा ने है बिखरायी। भोर समय की शुभ वेला में, सुन्दर कलियां मुस्कायी। खिल जाती जब धूप सहज ही, धुंध सिमटने... Hindi · गीतिका · लावणी छंद 1 1 224 Share surenderpal vaidya 9 Oct 2023 · 1 min read ** समय कीमती ** ** गीतिका ** ~~ समय कीमती को भूले से, बिल्कुल मत बर्बाद करें। अपने जीवन के हर पल को, खुशियों से आबाद करें। आनंदित कर देते सबको, पर्व हमारे आते... Hindi · कविता · गीतिका · लावणी छंद 1 1 162 Share