surenderpal vaidya Tag: क्षणिका 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 6 Sep 2023 · 1 min read हो गई है भोर हो गई है भोर पाखी आ गए देखो गगन पर जग रही मन में उमंगें तम निराशा का सिमटता जा रहा है दौर। -सुरेन्द्रपाल वैद्य Hindi · Quote Writer · क्षणिका 139 Share