Sûrëkhâ Tag: समय का चक्र 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read निकाल देते हैं निकाल देते हैं रिश्तों का संतुलित अनुपात निकाल देते थे। प्यार से नफ़रत की औकात निकाल देते थे।। जिस तरह निकाल देते हैं दालों से पत्थर- पुराने लोग बिगड़ी हुई... Poetry Writing Challenge-3 · मन का तूफान · रिश्ते - कुछ झूठे कुछ सच्चे · रिश्ते नाते · समय का चक्र 1 83 Share Sûrëkhâ 8 May 2024 · 1 min read बूढ़ी मां बूढ़ी मां जब सांसे मेरी चलती थी तो तेरा रवैया कुछ और था एक रोटी के टुकड़े के खातिर तूने दिया मुझे झंझोड़ था। एक गिलास पानी पिलाने के कारण... Poetry Writing Challenge-3 · ओ माँ · कविता · बुढ़ापा · समय का चक्र 1 114 Share