Sûrëkhâ Tag: गुस्से का अपहरण 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sûrëkhâ 16 May 2024 · 1 min read गुस्सा गुस्सा हां देखो! मैने अभी अभी गुस्से को यूं आते देखा है “नाक “पे ज़रा अपनी “नाक” को यूं चढ़ाते देखा है है जो तैश में ताव, वो उबाल यहां... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गुस्सा एक शारीरिक हानि · गुस्से का अपहरण · गुस्से का गुब्बारा 95 Share