सुरेखा कादियान 'सृजना' Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेखा कादियान 'सृजना' 10 Apr 2022 · 1 min read श्रीराम राम ही तो मोह हैं और राम ही हैं त्याग भी राम ही विराग हैं और राम ही हैं राग भी जहाँ जहाँ है दृष्टि जाये वहाँ वहाँ श्री राम... Hindi · कविता 11 1 541 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 9 Nov 2021 · 2 min read हरियाणवी कविता एक बात कहूँ सूँ यार मेरे सुणो पल्ले गाँठ लावण की कदे भी ग़लती ना करियो बड़े घर मैं बेटी ब्याहवण की उसकी ख़ुशी की ख़ातर तम कितने समझौते कर... Hindi · कविता 4 9 1k Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 17 Sep 2021 · 1 min read हिंदुस्तान चाहे भारत कहो या इंडिया, चाहे तो हिन्दुस्तान कहो मातृभूमि है ये हमारी, इसे दिल, ज़िगर चाहे जान कहो सोने की चिड़ीया था ये, स्वर्णिम इसकी कहानी है चंद्रगुप्त, सम्राट... Hindi · कविता 1 2 391 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 23 Jun 2021 · 1 min read अब तो बोल जिसने नारी को देवी माना, हम उस धरा की बेटी हैं बदल गया लेकिन अब क्या जो आज कफ़न में लेटी हैं... तेरी अस्मिता की बात लगती क्या तुझे ही... Hindi · कविता 2 4 312 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 23 Jun 2021 · 1 min read अधूरा या मुकम्मल तेरे आने के बाद यूँ भी लगा है मुझको कुछ अधूरी चीज़ें कितनी मुकम्मल होती हैं.. तुम जिसे बेख़याली में कहते थे मैं सुनती रही ख़्यालों में जिसे वो एक... Hindi · कविता 1 286 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 6 Feb 2021 · 1 min read नज़्म जाने वो कैसे लोग होते हैं जिनको मिलता है प्यार बेशुमार प्यार.. किसी अपने से.. जो उदास हों अगर तो कोई जी-जान लगा दे उनके होंठों पे मुस्कुराहट देखने को..... Hindi · कविता 5 4 302 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 26 Jul 2019 · 1 min read सज़दा इश्क़ में ख़ुदा माना था तुम्हें और इबादत में तेरी, मन को मंदिर बनाया था पूजा था तुम्हें कुछ इस तरह कि साँसों की बाती संग तन का दिया जलाया... Hindi · कविता 2 555 Share सुरेखा कादियान 'सृजना' 28 Dec 2017 · 1 min read प्रेम सुनो प्रेम.. तुम अब जब भी आना किसी सूरत में ढल के मत आना मत आना किसी प्रेमी या पति का चेहरा ओढ़कर मत आना किसी भी रिश्ते की चादर... Hindi · कविता 2 330 Share