Sunil Jha 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sunil Jha 7 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ की ममता है सघन, इसकी क्या है थाह। माँ के चरणों से अधिक, रहे न कोई चाह।। माँ का दिया प्रसाद है, जीवन अपना जान। कर इसकी आराधना, जीतो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 54 830 Share