सुब्रत आनंद 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid सुब्रत आनंद 2 Nov 2018 · 1 min read "माँ" पर दोहे माँ ही जीवन सार है, माँ ही सुख आधार बिन माँ कैसे हो भले, जीवन नैया पार!!१!! माँ से ही जीवन बना, सुंदर सकल जहान ममता की मूरत बनी, माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 25 804 Share