Harish Srivastava 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Harish Srivastava 16 Mar 2021 · 1 min read उन्मुक्त जीवन कभी उन्मुक्त जीवन देखा है ! देखो तो सही वहां प्रकृति रहती है जहां सघन अंधकार में भी प्रकाश फैलता है झांकता है पेड़ों के बीच से सुनहरा जीवन। कांटे... Hindi · कविता 1 2 349 Share Harish Srivastava 16 Mar 2021 · 1 min read एक सुबह-दिल्ली में दरयागंज की चाय की दुकान पर सुबह भीड़ में, कोने में, दुबके व्यक्ति के लिए एक कुल्हड़ चाय लिए उसके समक्ष खड़ा था विकट ठंड थी, नंगे पैर और एक... Hindi · कविता 1 3 517 Share Harish Srivastava 15 Mar 2021 · 1 min read वापस बहुत मुश्किल है पगडंडियों पर लौटना यद्यपि इस भव्य शहर में पगडंडी से भी पतली क़तारें हैं इंसानों की आसान नहीं हैं उन्हें पाना हर जगह दिशा लिखी रहती है... Hindi · कविता 1 357 Share