Satish Srijan Tag: बाल कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Srijan 31 Jul 2023 · 1 min read गिलहरी तीन लकीरें पीठ पर इसके, चुस्त दुरुस्त छरहरी। दिखने में प्यारी भोली सी, नन्ही प्रिय गिलहरी। अन्न फूल सब्जी फल खाती, आम अनार व केले। लम्बी पूंछ बदन पर रोंये,... Hindi · बाल कविता 2 2 455 Share Satish Srijan 8 Jun 2023 · 1 min read भिनसार हो गया तारे सारे लुप्त हो गए, अम्बर में कहीं सुप्त हो गए। रजनी गई आ रहा घामा, कहाँ है देखो चंदा मामा। चलो उठो भिनसार हो गया, चौतरफा उजियार हो गया।... Hindi · बाल कविता 1 238 Share