SHIVPOOJAN YADAV Language: Hindi 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SHIVPOOJAN YADAV 25 Aug 2021 · 2 min read ।। कैसे कहूं ।। ? कैसे कहूं ? -------------- ✓√√ तुझ बिन ✓✓ ------------------------------- कैसे कहूं , तेरे कातिल नयनों को, ये झील भी हैं , समंदर भी हैं । मृग भी हैं, मंडराते... Hindi · कविता 1 448 Share SHIVPOOJAN YADAV 25 Aug 2021 · 1 min read बाबा साहेब की बानी संविधान बाबा साहेब की बानी, हर जुबां पर आ जाए। भारत के जन-जन में अमृत वचन समा जाए। बाबा ने ऊंच-नीच का भेद, अपनी कलम से मिटाए, भटके हुए को राह,... Hindi · कविता 2 315 Share SHIVPOOJAN YADAV 24 Aug 2021 · 1 min read ।। हंसता चला चल ।। हंसता चला चल। हंसता चला चल।। पाएगा मंजिल, रख हौसला, ईमानदारी से, श्रम की बूंदों को, ढलता चला चल। हंसता चला चल। हंसता चला चल।। सितारों का ताज होगा, बहारों... Hindi · कविता 1 483 Share SHIVPOOJAN YADAV 14 Aug 2021 · 1 min read ।। फूल को छुआ ।। फूल को छुआ होंठों से, तो जाना फूल सा होना। होंठों की अकड़न, दिल की धड़कन, बढ गई, महका कोना-कोना। अनछुए छुई पंखुड़ियां, हुआ सबनम का तन-मन को भिगोना। पलकें... Hindi · कविता 3 386 Share SHIVPOOJAN YADAV 13 Aug 2021 · 1 min read ।। करोना ।। अमवां के बौर, कोयल की कूक, सब रोना-धोना ले गया। बसंत की सारी उमंग करोना ले गया। चैत मास नव वर्ष, सुहावन साज प्रकृति की, घर में सोना-सोना ले गया।... Hindi · कविता 2 495 Share SHIVPOOJAN YADAV 13 Aug 2021 · 1 min read ।। श्रमिक ।। श्रम की रोटी सूखी है, आंखें हरदम सूखी है। नहीं अट्टालिका, नहीं बैंक में लाकर, नहीं जीवन में नौकर चाकर। बस सपना छत हो सरों पर, भूख मिटे, तन ढके,... Hindi · कविता 2 539 Share SHIVPOOJAN YADAV 13 Aug 2021 · 1 min read मंहगाई बाजार में आजकल सबके ऊपर चढ़ गई है। मंहगाई तेरे नखरे अजीब, तू मन से उतर गई है। तुझे छूना कौन चाहे, अच्छे-अच्छे उडनबाजों के पर कतर रही है। मंहगाई... Hindi · कविता 1 708 Share SHIVPOOJAN YADAV 13 Aug 2021 · 1 min read स्वीकार कर लेता हूं। हृदय से स्वीकार कर लेता हूं। जीवन क्षणभंगुर कौन-किसको जाना है, यहां तो महाबली का भी आना-जाना है। अनुराग यही सोचकर कर लेता हूं। हर अदा आपकी, आपके खुशी के... Hindi · कविता 2 3 217 Share