Rajnish Goyal Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajnish Goyal 1 Dec 2018 · 1 min read नन्हें बच्चे प्यारे बच्चे कितने प्यारे कितने सच्चे कितने हैं अनमोल, इनकी प्यारी मुस्कान से खिल जाते कपोल। नन्हीं नन्हीं किलकारी से गूँजता घर का आँगन, इनकी उदासी से लागे सूना घर और पर... Hindi · कविता 3 4 356 Share Rajnish Goyal 25 Nov 2018 · 1 min read क्या नहीं भारत के अंदर कहते हैं हम विदेश को सुंदर, क्या नहीं भारत के अंदर। वहाँ पे लोग हैं फ़र्ज निभाते, नागरिक होने का कर्ज़ चुकाते। अगर वो कुत्ता बिल्ली पालते, उसका गंद कूड़ेदान... Hindi · कविता 13 7 414 Share Rajnish Goyal 24 Nov 2018 · 1 min read राजनीति कैसी है ये राजनीति हम तो समझ ना पाए, जो मुद्दे विपक्ष में उठाएँ, कुर्सी मिलते ही भूल जाएँ। चुनावों से पहले ये नेता ,घूमते हैं हर घर और बार,... Hindi · कविता 11 1 330 Share Rajnish Goyal 16 Nov 2018 · 1 min read कुंडली का रोग क्या है कुंडली पाखंडी बाबाओंं की तरफ़ से दिया हुया बढ़ावा, और उनके जाल में फँसते हुए लोग, संवारो भविष्य बच्चों का छोड़ो कुंडली का रोग। 1.कौन बनवाता था कुंडली... Hindi · कविता 5 540 Share Rajnish Goyal 15 Nov 2018 · 1 min read मेरी माँ अनोखी माँ होगी सब की माँ अच्छी, पर मेरी माँँ सा कोई नहीं। सोती थी वो गीले में, सूखे में सुलाया था मुझको। जब मैं भोजन करती तो, पंखा झुलाया था मुझको।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 23 88 1k Share