सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read फागुन के महीना बा फागुन के महीना बा, मन मोर भइल हमरो। निर्मोही भइल साजन, दिल तोड़ गइल हमरो। सब ओर बा हरियाली, गदराय गइल सरसों। परदेस गइल बालम, अब बीत गइल बरसों। मधुमास... Bhojpuri · कविता 500 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read भइया सच्चाई हऽ सबके भभाले जनता डेराइलि हऽ, बोले ना चाले। मुसवा के रोजो बिलरिया चबाले। हँसे ले देखऽ बिलरिया ठठा के। सभे सपाइल हऽ बियली में जा के। बढल अमिरन गरिबन के खाई। रोटी... Bhojpuri · कविता 1 420 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Jan 2022 · 1 min read दल-बदलू नेता बिनु पेंदी के लोटा नियन, एने ओने ढिमिलाला। जहँवे माल मलाई पावे, नाक डूबा के खाला। पाँच साल पर पाला बदले, भइल स्वार्थ में आन्हर। पाटी-पाटी कुदत बाटे, जइसे कूदे... Bhojpuri · कविता 431 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Oct 2021 · 1 min read दर्शन दऽ महतारी #विधा_पद (हे थावे वाली) दर्शन दऽ महतारी। भक्त द्वार पर, आइल तहरी, बा बहुती दुखियारी।। हाथ गदा त्रिशूल बा तहरी, सिंह हवे असवारी। लाल चुनरिया चमचम चमके, अद्भुत रूप तिहारी।।... Bhojpuri · कविता 289 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read मेहरि के गोड़धरिया करऽ सुबह शाम दुपहरिया करऽ। मेहरि के गोड़धरिया करऽ। हेलो डियर डार्लिंग बोलऽ। जब-जब आपन मुँहवा खोलऽ। दांँत चियारऽ गले लगावऽ। अंगुरी झोंता में अझुरावऽ। घर, आँगन, दुअरिया करऽ। मेहरि के... Bhojpuri · कविता 2 2 400 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 24 Aug 2021 · 1 min read ओल के चोखा भइया हो हम गइल रहनी, पहिले पहिल ससुरारी में। दही, पनीर सह मुर्गा, अण्डा, घीउ पड़ल तरकारी में। नाश्ता आइल नाश्ता ऊपर, चाय क ऊपर चाय चले। सासु,सार,सरहज,साली सब, हाल... Bhojpuri · कविता 4 2 766 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Aug 2021 · 1 min read ओलंपिक आयोजन था ओलंपिक का, शहर टोक्यो था जापान। हाथ तिरंगा लेकर पहुँचे, शेर हिंद के वीर जवान। कांसा जीता चांदी जीता, उन्नत कर भारत का भाल। गोल्ड न आया ओलंपिक... Hindi · कविता 495 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read बाल कविता मेरी पहली बाल कविता *********"********** बिटिया मेरी सोई। सपने में है खोई। सपने में है हाथी। हाथी सबका साथी। देखो भागा बन्दर। फूलवारी के अंदर। तोड़ रहा है केला। मारो... Hindi · कविता 1 246 Share