siva sandeep garhwal 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid siva sandeep garhwal 9 Jan 2018 · 1 min read क्यों करें हम एक ग़ज़ल- ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कोई भी ख़ाब देखा क्यों करें हम खुद अपनी नींद रुस्वा क्यों करें हम नहीं जब गुलशन-ए-दिल में कोई फूल तो इन काटों से तौबा क्यों करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 640 Share siva sandeep garhwal 10 Aug 2017 · 1 min read एक मुसलसल ग़ज़ल दर्द देते है वो नफासत से बाज़ आते नही हैं फितरत से तल्ख़ लहज़ा भी शख़्त तेवर भी" हो गए नर्म सब मुहब्बत से अर्श पर माहो-आफताब भी जान" मात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 319 Share siva sandeep garhwal 19 Oct 2016 · 1 min read चांद का मेला नभ ये उपवन सा सजेगा देखना कल रात मे, प्रेम रूपी गुल खिलेगा देखना कल रात मे। आ रही है सज संवरकर कल शहर मे महज़बीं, चांद का मेला लगेगा... Hindi · मुक्तक 506 Share siva sandeep garhwal 10 Oct 2016 · 1 min read अमीरों की बनकर रही रौशनी है अमीरों की बनकर रही रौशनी है, गरीबों के हिस्से मे बस तीरगी है। मै बातें करूं चांद तारों की कैसे, मुझे रौशनी जुगनुओं से मिली है। मिरी मुश्किलों से रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 281 Share siva sandeep garhwal 8 Oct 2016 · 1 min read दोरे-हाजिर से डर रहा हूँ मैं, दोरे-हाजिर, से डर रहा हूँ मै, रोज बेमौत मर रहा हूँ मै। ढूँढना है मुझे हुनर अपना, खुद में गहरा उतर रहा हूँ मै। ग़म में भी खुलके मुस्कुराया हूँ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 508 Share