विवेक रौशन 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विवेक रौशन 10 Oct 2021 · 1 min read बरस कर जो ठहर जाती हो !!! बरस कर जो ठहर जाती हो, जैसे पलकों पर ज़री मोती हो, रात अकेले कटती नहीं सफर की, जीवन तुझ बिन जैसे छोटी हो, करवटें बदलता रहता हूं मै रात... Hindi · कविता 356 Share विवेक रौशन 10 Oct 2021 · 1 min read लिख तो दूँ दर्द सारे सितम सारे … लिख तो दूँ दर्द सारे सितम सारे काग़ज़ कलम बोझ ना उठा पाएँगे धड़क रहा है जो सिने में मोहब्बत को ज़िंदा किए धड़कनों का हिसाब कैसे हम चुकाएँगे मख़मली... Hindi · कविता 298 Share