Siddhant singh Rajput Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Siddhant singh Rajput 21 Nov 2018 · 1 min read मां के लाल स्वाभिमान पर बात जो लाए , बात यहां पर बढ़ गई . स्वर्ण पर जो घात लगाए , आंखों में वह गढ़ गई . शब्दों से जो घात किया ,... Hindi · कविता 1 5 306 Share Siddhant singh Rajput 11 Aug 2018 · 1 min read ख्वाब ना शक का शौक था मुझको , न किस्मत को मैं पढ़ पाया. ना हक था प्यार का मुझको , न जिद पर मैं यूं अड़ पाया . मेरा तो... Hindi · कविता 403 Share Siddhant singh Rajput 13 Jul 2018 · 1 min read नारी लगाया जो कलम पर जोर, तो कलम भी टूट जाएगी। बयां कर दूं गुनाह तेरे, इंसानियत रूठ जाएगी।। बलात्कार होते रहे यूं ही, एक दिन धरती फट जाएगी।। जला दी... Hindi · कविता 1 1 635 Share Siddhant singh Rajput 17 Jun 2018 · 2 min read मैं पृथ्वी का दिल हूं क्या यही मेरी आजादी है मैं पृथ्वी का दिल हूं , क्या यही मेरी आजादी है . अब ना कोई सोन चिरैया , अब तो सब बर्बाद ही है . मैं पृथ्वी का दिल हूं... Hindi · कविता 348 Share