Shyam Vashishtha 'शाहिद' Tag: नवगीत 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read सारा जीवन बीत गया है! आधा धीरज रख कर बीता आधा मारामारी में, सारा जीवन बीत गया है जीने की तैय्यारी में ! रोज़ चले पर कहीं न पहुँचे ऎसी डगर मिली हमको सपनों में... Poetry Writing Challenge-3 · नवगीत 1 47 Share Shyam Vashishtha 'शाहिद' 13 May 2024 · 1 min read मर मर कर जीना पड़ता है ! धड़कन में तेज़ाब घुला है सांसों में अंगारे मर मर कर जीना पड़ता है क्यूं हमको मितवा रे सपनों के सैलाब उठे जो आंखों में डूबे हैं नींद नहीं पलकों... Poetry Writing Challenge-3 · नवगीत 1 50 Share