Shyam Pandey Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Pandey 25 May 2023 · 1 min read कुछ तो अच्छा छोड़ कर जाओ आप बहुतों ने माएँ खोई, बहुतों ने खोये बाप, बहुतों के लाल के गए बहुतों का पूरा परिवार, वक़्त मिले तो साथ रहो, प्यार करो और प्यार ही बांटो जो गुजर... Poetry Writing Challenge · कविता 4 258 Share Shyam Pandey 14 May 2023 · 1 min read ए जिंदगी तू सहज या दुर्गम कविता ऐ जिन्दगी तू सहज या दुर्गम.." सही कहती थी अम्मा(मेरीमां).. यूं बात-बात पर गुस्सा ठीक नहीं, इक दिन तो बढनी से पीटा गया .. अपनी मर्जी से जिन्दगी नहीं चलती,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 314 Share Shyam Pandey 14 May 2023 · 2 min read कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है। मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है। बादल घरते हैं बजली कड़कती बिन मौसम बारिश होती है, तब खेत मे कटे पड़े गेंहूं देखकर किसान पर क्या बीतती है।... Poetry Writing Challenge · कविता 157 Share Shyam Pandey 20 Jan 2023 · 1 min read स्थायित्व (Stability) स्थायित्व stability (ब्रह्मांड का जर्रा जर्रा शान्ति, आराम और स्थायित्व चाहता है) ब्रह्मांड का हर कण दूसरे कण को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करता रहता है सतत.. ताप,दाब और सम्बेदनाओं से... Hindi · कविता 3 526 Share Shyam Pandey 10 Jan 2023 · 1 min read कर्मण्य के प्रेरक विचार सीखने के लिए सीखे जाने की प्रबल इक्ष्या होनी चाहिये Learn from Macro to Micro- छोटे से छोटे टुकड़े में कर के सीखें- Loosing to win-हारने को तैयार रहना/मानलेन जिस... Hindi · Motivational Quote · कविता 2 306 Share Shyam Pandey 18 May 2022 · 1 min read दंगा पीड़ित दंगा पीड़ित इनका भी था ,इक सपना , कि समाज से ,इन्हे भी प्यार मिले... पर मिली इन्हे दुश्वारियाँ, और ईर्ष्या क घाव मिले... पल रहे हैं शिवरों में जो... Hindi · कविता 5 4 353 Share Shyam Pandey 18 May 2022 · 2 min read अफसोस-कर्मण्य अफ़सोस अफसोस होगा तुम्हे, यह जान कर कि ऐसे भी जीते हैं लोग बिना संसाधनों के, भूखे और प्यासे भी। मजबूर अपनी मजबूरियों पर, रोते और बिलखते भी l शहर... Hindi · कविता 5 2 327 Share Shyam Pandey 15 May 2022 · 1 min read Kavita Nahi hun mai कविता नही हूँ मैं, तीर सा चुभता शब्द हूँ मैं। शब्दों में पिरोई, मोतियों का गुच्छा हूँ मैं, शब्द नही शब्द का सार हूँ मैं ।। कटते पेड़ों की उन्मादी... Hindi · कविता 8 7 367 Share