shuchi bhavi Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid shuchi bhavi 9 Dec 2016 · 1 min read खंड खंड मैं-अखण्ड तुम ।।खंड-खंड मैं,अखण्ड "तुम"।। खंड खंड होता है इंसान संपूर्ण तो सिर्फ़ भगवान खंड खंड क्यों न फिर जीता हर रिश्ते में क्यों वो रीता? काल-खंड भी खंड खंड ईनाम इक... Hindi · कविता 1 363 Share shuchi bhavi 28 Jul 2016 · 1 min read पंछी वत ही डोली,,, 28.07.16 समय के साथ चलते चलते जब थकी, तो पनाहों में समय के ही वो हो ली,,, बहती रही निरंतर बहती ही रही वो, हवा और रुत जिधर की भी... Hindi · कविता 609 Share shuchi bhavi 28 Jul 2016 · 1 min read तुममें वो पुरानी बात ढूंढती हूँ,, तुममें मैं वो पुरानी बात ढूंढती हूँ, ढूंढती हूँ वो बीते लम्हे भी, सच में,वो चाँद रात ढूंढती हूँ तुममें मैं वो पुरानी बात ढूंढती हूँ,,,, * वर्षों का बीतना... Hindi · कविता 2 384 Share shuchi bhavi 26 Jul 2016 · 1 min read इक घर अपना भी बने प्यारा,,,, 26.07.16 इक घर अपना भी बने प्यारा,,, इक तिनका आज फिर लायी हूँ नीड़ फिर नया इक बनाई हूँ यादों का तिनका एक भी नहीं न ही कोई तिनका है... Hindi · कविता 350 Share shuchi bhavi 26 Jul 2016 · 1 min read खत्म होती पर आस नहीं,, 26.07.16 "आस", बिन बह्र कुछ,, नयन भर भर पीता आँसूं, खत्म होती पर प्यास नहीं,, गिरजे,मन्दिर,मस्जिद,ढूंढे बस खुदा खत्म होती पर क़यास नहीं,, झोलियाँ भर भर रत्न समेटे, खत्म होती... Hindi · कविता 1 407 Share shuchi bhavi 25 Jul 2016 · 1 min read क्षणिकाएँ---1 25.07.16 क्षणिकाएँ,,,,, * वक्त के साथ चली तो पिछड़ गयी खुद से खुद ही महाभारत लड़ गयी पागलों सा जीवन जीने निकली हूँ अब ख़ुशी के साथ देखो तो सही... Hindi · कविता 315 Share shuchi bhavi 14 Jul 2016 · 1 min read बोलो तुम्हें किसने बुलाया है?? 14.07.16 क्यूँ आज समन्दर आया है सहरा सहरा हम तो थे अब नयनों ने क्यूँ तुम्हें बुलाया है,,, लम्हे लम्हे जिन्दा थे हम क्षण क्षण ने अब डराया है, साथ... Hindi · कविता 2 380 Share