शिवांश सिंघानिया Tag: ग़ज़ल/गीतिका 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid शिवांश सिंघानिया 1 Feb 2023 · 1 min read आज त्यौहार है आओ कोई सौग़ात करें आज त्यौहार है आओ कोई सौग़ात करें लाल मज़दूर का भूखा है चलो बात करें मुझ को हैरत है ख़ुदा तेरी मुसाफ़त पे, मगर ज़िंदगी बैठ तो, हालात कि कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share शिवांश सिंघानिया 20 Jul 2022 · 2 min read नज़रे (नज़्म) है रोटी पे भूखे फ़क़ीरों कि नज़रे है रंजिश-ओ-साज़िश मिज़ाजों कि नज़रे सफ़ेदी पे ख़ूनी लिबासों कि नज़रे गुमानों गुनाहों गुलामों कि नज़रे है काले दिलो की ये काली सी... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share शिवांश सिंघानिया 6 Jun 2022 · 1 min read झोंका हवा का आप का पैग़ाम ले उड़ा झोंका हवा का आप का पैग़ाम ले उड़ा लबरेज़ मय का हाथ से वो ज़ाम ले उड़ा रग़बत ने आपकी ही, हमें रोक कर रखा, दिल का गुरेज़ रात का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 183 Share शिवांश सिंघानिया 28 Apr 2022 · 1 min read निगाह-ए-यास कि तन्हाइयाँ लिए चलिए निगाह-ए-यास कि तन्हाइयाँ लिए चलिए ख़ुशी का एक नया आसमाँ लिए चलिए। छिपे हुए कुछ दर्दों कि दास्ताँ है यह ज़हन कि सुब्ह में रंगीनियाँ लिए चलिए। ग़मों कि दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 501 Share शिवांश सिंघानिया 10 Apr 2022 · 1 min read हमसे बिछड़ के कोई हमारा चला गया हमसे बिछड़ के कोई हमारा चला गया मानो कि ज़िंदगी का सहारा चला गया आँखों के सामने था अभी ग़ुम जो हो गया इन चश्म में बसा वो सितारा चला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 227 Share शिवांश सिंघानिया 2 Apr 2022 · 1 min read इस अनोखी रस्म का नश्शा न डालो इस अनोखी रस्म का नश्शा न डालो इश्क़ वालों इश्क़ पर पहरा न डालो किस तवक़्क़ो' के लिए इतना गुमाँ है खून से फिर खून का लहजा न डालो ग़म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 191 Share शिवांश सिंघानिया 29 Mar 2022 · 1 min read हवा दीपक बुझाकर चल पड़ी है हवा दीपक बुझाकर चल पड़ी है मग़र इक घर जलाकर चल पड़ी है परिंदा ख़ुद कफ़स में आन बैठा तमन्ना फड़-फड़ाकर चल पड़ी है वो अर्से से घराना चाहता था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 145 Share शिवांश सिंघानिया 20 Mar 2022 · 1 min read दर्दों कि दास्तान लिए फिर रहे यहां दर्दों कि दास्तान लिए फिर रहे यहां हाथों में इक मकान लिए फिर रहे यहां वो कुछ ख़याल-ए-ख़ास जो मरक़ज में आए थे यादों के दरमियान लिए फिर रहे यहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share शिवांश सिंघानिया 9 Mar 2022 · 1 min read जिंदगी तू हलकान नजर आती है जिंदगी तू हलकान नजर आती है खुद से ही पशेमान नजर आती हैं शोर-गुल हुआ कर्ता था जिन पर, वो राह सारी वीरान नजर आती हैं लापता हैं उस घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share शिवांश सिंघानिया 5 Mar 2022 · 1 min read लाल उस खूँ कि शहर मे जो बारिश होगी। लाल उस खूँ कि शहर मे जो बारिश होगी। ना-शनासी-ए-कज़ा मसनदी साज़िश होगी। शौक़ से जिस्म-फ़रोशी नईं करती लड़की रात-भर जिस्म बचाने कि गुज़ारिश होगी। आए मक़्तल मे है नाज़िम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 176 Share शिवांश सिंघानिया 4 Feb 2022 · 1 min read रूह इक फिर चली जिंदगी की तरफ़ रूह इक फिर चली जिंदगी की तरफ़ मुफ़लिसी जैसे उस सरकशी की तरफ़ मैं ज़रा छत से बातें, जो करने लगा फ़िर वो रस्सी चली ख़ुदखुशी की तरफ़ 9 पी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 375 Share शिवांश सिंघानिया 4 Feb 2022 · 1 min read बता रहा चेहरा तिरा कल कि दास्ताँ, जान-ए-जाँ हम को बता रहा चेहरा तिरा कल कि दास्ताँ, जान-ए-जाँ हम को पुछा शबे-वाकि'आ जो हमने, बात से वो मुक़र गए है। कि ग़ालिबन अब ख़ुमार भी तो नही रहा मय-ए-आतिशीं में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 519 Share शिवांश सिंघानिया 4 Feb 2022 · 2 min read आख़री ख़त (नज़्म) कशिश-ए-इश्क़-ओ-वा'दा-ए-उल्फ़त की जंग जारी है साक़-ए-अर्श पे अब्र और फ़र्श-ए-जमीं पे गर्द तारी है ये क्या बे-हिसी, आलम-ए-बर्बाद करने की बात करती हो ये सुनो की अब इश्क़ में तबाह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share शिवांश सिंघानिया 2 Feb 2022 · 1 min read इश्क़, तरसा हुआ बनाऊँगा इश्क़, तरसा हुआ बनाऊँगा। ग़म को, सहता हुआ बनाऊँगा। इक नया सा मकान, तो होगा जो, मैं गिरता हुआ बनाऊँगा। नक्श-चेहरा बसा, था आँखों में सो, वो रोता हुआ बनाऊँगा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share शिवांश सिंघानिया 28 Jan 2022 · 1 min read जी रहा जिंदगी तुझ को नादान बनकर जी रहा जिंदगी तुझ को नादान बनकर। और तू रह गई एक ज़िंदान बनकर। छीनने इन गरीबों के मुँह से निवाला रहनुमा कुछ यहाँ आए भगवान बनकर। जुस्तजू कुछ ख्'वाबो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share शिवांश सिंघानिया 26 Jan 2022 · 1 min read भूख से जो तड़प रही होगी भूख से जो तड़प रही होगी हां, वही तो वो ज़िंदगी होगी। शे'र है कुछ जदीद पर मेरे फिर ग़ज़ल और शाइरी होगी। आप बातें बहर कि करते है कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 168 Share