Shirin Bhavsar 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Shirin Bhavsar 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ पार करने के बाद देहरी तेरी ज़िद और अल्हड़पन के पर्दे सरक गए हैं सपनो में जीने वाली ये गुड़िया तेरी अब अपनो की आँखों में सपने भरने लगी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 41 847 Share