Acharya Shilak Ram Language: Hindi 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Acharya Shilak Ram 31 Jan 2017 · 3 min read ‘ढाई आखर’ की भूल-भुलैया दैहिक प्रेम करना जरूर, परंतु रखना साक्षीभाव। बेहोशी में यदि किया इसे, निश्चित डूबेगी नाव।।1 प्रेयसी का प्रेम अमर है, मत रखना सुनो यह भूल। आया है तो यह जाऐगा,... Hindi · दोहा 284 Share Acharya Shilak Ram 22 Jan 2017 · 1 min read प्यार- व्यार झूठी बातें हैं.. प्यार- व्यार झूठी बातें हैं खेल है बस स्वार्थ का सारा! दिया प्रेम मिली है बस घृणा सब जीते यहां मैं बस हारा !! स्वार्थ की सारी समीपताएं लेन- देन... Hindi · कविता 1 332 Share Acharya Shilak Ram 22 Jan 2017 · 1 min read मन की व्यथा!!!! मन चाहा तब रो लिए! प्रेम मिला उसी के हो लिए!! अपने सम माना अन्य! इसी से हम हो गए धन्य!! पाप इसी से सारे धो लिए!! प्रेम दिया धोखा... Hindi · कविता 1k Share Acharya Shilak Ram 22 Jan 2017 · 6 min read भारत की सिंहगर्जना इस युग के प्रसिद्ध रहस्यदर्शी, योगी, दार्शनिक एवं चिन्तक ओशो रजनीश ने बेबाकी से यह घोषणा की है कि सभी आत्त्मकथाएं अहंकार की घोषनाएं हैं। गांधी, जयप्रकाश आदि कोई भी... Hindi · लेख 344 Share Acharya Shilak Ram 10 Jan 2017 · 3 min read चिन्तन चिन्तन करो अवश्य, चिन्तन सन्तुष्टि होय ।। चिन्तन से पथ प्रशस्त हो, सुख की निद्रा सोय ।। चिन्तन जरूरी जीवन में, चिन्तन समस्या समाधान ।। चिन्तन दुःख सब दूर करे,... Hindi · कविता 330 Share