Acharya Shilak Ram Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Acharya Shilak Ram 22 Jan 2017 · 1 min read प्यार- व्यार झूठी बातें हैं.. प्यार- व्यार झूठी बातें हैं खेल है बस स्वार्थ का सारा! दिया प्रेम मिली है बस घृणा सब जीते यहां मैं बस हारा !! स्वार्थ की सारी समीपताएं लेन- देन... Hindi · कविता 1 396 Share Acharya Shilak Ram 22 Jan 2017 · 1 min read मन की व्यथा!!!! मन चाहा तब रो लिए! प्रेम मिला उसी के हो लिए!! अपने सम माना अन्य! इसी से हम हो गए धन्य!! पाप इसी से सारे धो लिए!! प्रेम दिया धोखा... Hindi · कविता 1k Share Acharya Shilak Ram 10 Jan 2017 · 3 min read चिन्तन चिन्तन करो अवश्य, चिन्तन सन्तुष्टि होय ।। चिन्तन से पथ प्रशस्त हो, सुख की निद्रा सोय ।। चिन्तन जरूरी जीवन में, चिन्तन समस्या समाधान ।। चिन्तन दुःख सब दूर करे,... Hindi · कविता 352 Share