Santosh kumar Miri Tag: प्रकृति प्रेमी कवि 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Santosh kumar Miri 14 May 2024 · 1 min read *बादल* *बादल* बादल आए ,बादल आए। काली काली बादल छाए। बिजली कड़के कड़ कड़ बादल गरजे गड़ गड़। बादल आए........ शिव शंकर के सौ लटाए छटने लगी है अब घटाए। पानी... Poetry Writing Challenge-3 · प्रकृति प्रेमी कवि 86 Share