Shikha Mishra Tag: मुक्तक 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shikha Mishra 31 May 2024 · 2 min read & I lost my UPSc ka admit card तुम्हारे विरह को किन शब्दों में लिखूं मैं, तुम्हारे बिना भी ज़िंदा हूं ये कैसे कहूं मैं! चलो, फिर भी एक छोटी सी कोशिश करती हूं सटीक तो नहीं शायद,... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Motivational · Upsc · कविता · मुक्तक 2 56 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read भयावह होता है अकेला होना भयावह होता है अकेला होना और उससे भी अधिक भयावह भीड़ में रहकर अकेला होना । शुरुआत में दम घोंटू सा लगता है ये अकेलापन और कई बार जिंदगी को... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Trending · कविता · मुक्तक 1 81 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read माँ बिन बोले हीं, वो मेरे मन की सारी गिरहें खोल देती है, खुद तक़लीफ लेकर भी, माँ मेरे लिए खुशियां तौल देती है। -©®Shikha Poetry Writing Challenge-3 · Devotional Poem · Life Quotes · Maa · Quotes · मुक्तक 1 61 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है। गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है। Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Love Life · Trending · मुक्तक 1 54 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read बुरे नहीं है हम बुरे नहीं है हम बस हमें सबको अपनी बात सही से समझाना नहीं आता दोहरे नकाब लगाकर रिश्तें निभाना नहीं आता नहीं आता है हमें मुस्कुरा कर किसी को ज़हर... Poetry Writing Challenge-3 · Life Quotes · Trending · कविता · मुक्तक 55 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं, बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं, काश के जाल में खुद को उलझाए जा रहे हैं, इल्म है हमें कि इस रेगिस्तान में ज़मज़म न मिलेगा फिर... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · Trending · Viral Poetry · मुक्तक · शेर 1 98 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read ऐ ढ़लती हुई शाम, ऐ ढ़लती हुई शाम, ज़रा दो पल को ठहर जाओ कि अब भी किसी का इंतजार बाक़ी है, मत दिखाओ मुझे ख़ूबसूरत सुबह का ख्वाब कि लाख अंधेरा ही सही... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poetry · Trending · कविता · मुक्तक 1 40 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read UPSC और तुम तुम UPSC की सिलेबस से लगते हो कितना भी समझने की कोशिश करती हूं फिर भी, कुछ अनजान से रहते हो। तुम इतिहास में दर्ज तारीख़ से लगते हो हमेशा... Poetry Writing Challenge-3 · Love · Love Poem · Upsc · कविता · मुक्तक 2 71 Share Shikha Mishra 31 May 2024 · 1 min read देवियाँ यहाँ देवियाँ पूजी जाती हैं, प्रभु के नाम से पहले उनकी अर्द्धांगिनियाँ पुकारी जाती हैं, मिलती हैं यहाँ सरस्वती कई और लक्ष्मी कई उपले पाथते हुए, चूल्हे में जीवन झोंकते... Poetry Writing Challenge-3 · Best Poem · कविता · मुक्तक 3 75 Share Shikha Mishra 18 Dec 2018 · 1 min read अब आ भी जाओ इन ऊंची ऊंची वादियों में इन ठंडी ठंडी तन्हाईयों में जिस्म बर्फ़ सा जमा जा रहा फिर भी ये रूह मेरा अंगीठी सा है जल रहा। ये शाॅल, स्वेटर और... Hindi · मुक्तक 2 1 359 Share