Shashi Jain 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Shashi Jain 25 Nov 2018 · 1 min read माँ कि लगा बचपन में यू अक्सर अँधेरा ही मुकद्दर है. मगर माँ होसला देकर यू बोली तुम को क्या डर है, मै अपना पन ही अक्सर ढूंढती रहती हुँ रिश्तो... Hindi · कविता 8 9 587 Share