मुक्तक : कुंडली छंद : 22 मात्राऐं, यति 12,10 यति से पूर्व या तुरंत बाद में 21, 12 मात्राऐं, अंत 2 गुरु
ध्रुवतारा पिता उत्तानपाद का, पुत्र था ध्रुवतारा गोद चढ़ने पिता की, हठी था बेचारा माता सुरुचि ने उसे, खींच कर उतारा क्या है मुझसे नाता, पूछ चढ़ा पारा।। गर्भ से...
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