Shashank Mishra Tag: *चाय और चाह* 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shashank Mishra 9 May 2024 · 1 min read *चाय और चाह* बातें दो-चार करें कैसे, हाल तुम्हारा सुने कैसे, कुछ गरम मधुर सा स्वाद बुने, चाह भरी इस चाहत में यादों का अंबार बुने। तीखी वाणी छोड़ो सबसे दो मीठी प्याली... Poetry Writing Challenge-3 · *चाय और चाह* · कविता 44 Share Shashank Mishra 8 May 2024 · 1 min read *चाय और चाह* बातें दो-चार करें कैसे, हाल तुम्हारा सुने कैसे, कुछ गरम मधुर सा स्वाद बुने, चाह भरी इस चाहत में यादों का अंबार बुने। तीखी वाणी छोड़ो सबसे दो मीठी प्याली... Hindi · *चाय और चाह* · कविता 47 Share