शालिनीपंकज दुबे Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid शालिनीपंकज दुबे 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियां कहते है दो कुलों को जोड़ती है बेटियां मुश्किलो को अक्सर तोड़ती है बेटियां। त्याग और समर्पण की मूर्ति होती है बेटियां मायका और ससुराल को प्रेम से सींचती है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share