Shakuntla Shaku 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shakuntla Shaku 10 Feb 2023 · 1 min read खुद का साथ खुद का साथ इसलिए जरूरी हैं कि अपने आप पर दया करना। खुद से प्यार करना। खुद को और अपने शरीर को माफ करने के लिए। ऐसे लोगों की संगति... Quote Writer 393 Share Shakuntla Shaku 10 Feb 2023 · 2 min read अब तो सब सपना हो गया गांव जाते ही बचपन की सारी यादें आँखों के सामने आ जाती हैं दादा दादी का प्यार,दुलार दादा जी का मेरा पैर छू कर कहना हमार राजा आ गईल आपन... Hindi 57 Share Shakuntla Shaku 5 Feb 2022 · 1 min read मां वैभवी विद्या की चाहत है तो विमूढ़ता का नाश कर, विन्रमता की सीढ़ी चढ़ विद्या को प्राप्त कर। पात्रता की आस है तो मां शारदे का ध्यान कर, उसकी अनुकंपा से... Hindi · कविता 2 4 252 Share Shakuntla Shaku 29 Jun 2021 · 1 min read स्त्री की दुविधा जब कभी मैं किसी के भी माता पिता की बीमारी के बारे में सुनती हूं और जब ससुराल वाले कहते हैं क्या करोगी मायके जाकर जब देखो बीमार हो जाते... Hindi · कविता 4 1 395 Share Shakuntla Shaku 10 May 2019 · 1 min read शहीद की पत्नी *मैं तो हूँ एक सैनिक की पत्नी जानती हूँ वो गए हैं करने देश की सेवा फिर भी मन करता है हो हर पल हर वक़्त वो साथ सदा मेरे... Hindi · कविता 2 434 Share Shakuntla Shaku 24 Jan 2019 · 1 min read यादें यादें ही हैं जो हमारे जीने का सहारा होती हैं ये यादें कुछ मीठी सी तो कुछ तीखी सी होती हैं यादें कभी बहुत हँसाती तो कभी बहुत रूलाती हैं... Hindi · कविता 3 2 442 Share Shakuntla Shaku 30 Nov 2018 · 1 min read सानिध्य आपका आप करीब रहो या कोसों दूर रहो बस स्वस्थ रहो सानंद रहो मन में हर पल उत्साह रहे होंठों पर स्मित मन्द रहे खुशियाँ राहों में बिछ जाए जीवन में... Hindi · कविता 5 3 959 Share Shakuntla Shaku 27 Nov 2018 · 1 min read आज के बुजुर्गों की दशा *एक दिन की बात थी मैं बैठी थी ऑटो में मुझे एक *बुज़ुर्ग मिल गये* बैठे मेरे सामने वाली सीट पर देख उन्हें लगा आ गए मेरे दादाजी लेकर रूप... Hindi · कविता 4 3 296 Share Shakuntla Shaku 27 Nov 2018 · 2 min read मैं वो जन्नत लाऊँ कहाँ से लोग कहते हैं माँ के कदमों तले जन्नत होती हैं पर मैं वो जन्नत लाऊँ कहाँ से जिस गोद में पली बढ़ी वो गोद मै लाऊँ कहाँ से हर पल... Hindi · कविता 4 5 269 Share Shakuntla Shaku 6 Nov 2018 · 1 min read रूहानी मोहब्बत माँ रूहानी मोहब्बत की दास्तां हैं माँ हर इंसान की पहली मोहब्बत हैं माँ धरा पर ईश्वर का प्रतिरूप हैं माँ पूरे विश्व का एक ब्रह्माण्ड हैं माँ आँखो से छलकता... Hindi · कविता 5 3 263 Share Shakuntla Shaku 6 Nov 2018 · 1 min read दीपावली दीप जैसे आप जगमगाते रहे जीवन का हर तिमिर मिटता रहे हर दिन नई फसलों की तरह लहलहाता रहे हर रात उत्सव की फुलझड़ियां खिलती रहे अधरों से मीठी मुंन्हार... Hindi · कविता 4 261 Share Shakuntla Shaku 5 Nov 2018 · 1 min read नवनीत सी रात हो दर्द रोने से दूर होता नही,शब्द इनको बना लो तो कुछ बात हो पीर के मेघा पलकों में छाए मगर, अश्रु मोती के किंचित धरा पर गिरे नेह के दीप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 243 Share