Shadal Shubham Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shadal Shubham 29 Jun 2021 · 1 min read "तन्हाई का मंज़र" "तन्हाई का मंज़र" तनहा कल भी थे, तनहा आज भी हैं। ना कल में कुछ बदला, और ना आज में कुछ खास हैं। घेरे रखा हैं तन्हाई के आलम ने,... Hindi · कविता 229 Share Shadal Shubham 26 Jun 2021 · 1 min read *"नारी पर अत्याचार"* क्यों ज़ुल्म करते हो उन पर, जो सब कुछ छोड़ कर आई हैं। एक दफा हाल पुछ लेना उस बाप का, जिसने अपनी बेटी बिहाई हैं। फेरे ले लिए तो... Hindi · कविता 1 2 299 Share