Sneha Singh Language: Hindi 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sneha Singh 26 May 2024 · 1 min read बढ़े चलो फूल बिछे हो या काटे हो , रहा ना अपनी छोड़ो तुम । चाहे जो विपदाएं आए , मुख को जरा ना मोड़ो तुम , साथ रहे या रहे ना... Poetry Writing Challenge-3 56 Share Sneha Singh 26 May 2024 · 1 min read Teacher (गुरु मां) करुणा और ममता की प्रतिमुनि, मुझमें भर देती जो सफूर्ती। ऐसा तेज आप मे पाए , आपका चेहरा देख हम मुस्काए । पग पग पर साथ निभाती, मां के जैसे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 73 Share Sneha Singh 26 May 2024 · 1 min read सफर सफर पर चल पड़ी हूं मैं मंजिल की ना खबर है राहै बनती जा रही है इरादे मेरे बेसबर है मेरे साथ-साथ चलने लगे हैं रास्ते मंजिल से बेहतर है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 119 Share Sneha Singh 26 May 2024 · 1 min read जग से न्यारी मां एक तो चांद जैसी है , चले तो हवाओ जैसी है। वो मां ही है जो , धूप मे छाव जैसी है। त्याग कोमलता , ममता की ऐसी प्रतिमूर्ति, देख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 57 Share Sneha Singh 26 May 2024 · 1 min read बचपन एक बचपन का जमाना था, जिसमे खुशियों का खजाना था। चाहत चांद को पाने की थी । पर दिल तितली का दीवाना था, वो बचपन भी कितना सुहाना था। जिसका... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 77 Share