Satyaparkash Shastri Language: Hindi 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satyaparkash Shastri 2 Feb 2021 · 1 min read "बस एक पल"----$ हमारे नाम भी कोई पल कर दो, भीड़ में दुनियाँ की अकेले हैं हम। बाहों में आपकी निकले ये दम, आज नहीं तो कल कर दो। हमारे नाम भी कोई... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 38 591 Share Satyaparkash Shastri 6 Jan 2021 · 1 min read "मासूम बचपन"..... रात ख्वाब में अजीब मंजर देखा, बीच राह मासूम एक, बना मुजरिम देखा। गली, मोहल्लों ने जुटा रखी थी भीड़, भीड़ में उस, एक बचपन को छुपा देखा।। पूछ रहे... Hindi · कविता 2 2 349 Share Satyaparkash Shastri 6 Jan 2021 · 1 min read "चंद लकीरें".... कदम ज़िन्दगी ने आज फिर बढ़ा लिया,, देकर सहारा ख़ुद कद अपना घटा लिया।। बचा रखी हैं चंद लकीरें उनके लिए भी,, कमबख्त जिन्हें मिटाना हम खुद भूल गए।। तालिम... Hindi · मुक्तक 1 2 313 Share Satyaparkash Shastri 6 Jan 2021 · 1 min read " इंसानियत".... दिल से दिल का सबब ना पूछो,, मुझसे मेरा मजहब मत पूछो !! इन्सान हूँ सिर्फ़ इतना जानता हूँ, हर किसी को अपना मानता हूँ !! आजकल ख़ामोशी ही मेरी... Hindi · कविता 2 463 Share Satyaparkash Shastri 5 Jan 2021 · 1 min read "जोकर"... अक्सर टूट जाता हूँ मैं इक खिलौना बनकर, आलम भी ऐसा जैसे तकदीर दे गयी हो धोखा।। अहसासों से लगता है कहीं बन ना जाऊं जोकर, बेगम अधूरी ना रह... Hindi · शेर 1 5 473 Share Satyaparkash Shastri 5 Jan 2021 · 1 min read "अमर बलिदान"... कैसा ये आग़ोश है, नब्ज़ क्यूँ खामोश है, मिट्टी है क्यूँ बैचैन, आसमां क्यूँ नहीं रहा बरस?? युवा इस हिन्द का जाने कहाँ गया है भटक ??? लेकिन, मतवाला 'भगतसिंह'... Hindi · कविता 1 7 325 Share Satyaparkash Shastri 5 Jan 2021 · 1 min read "मिलकर हरा देंगे कोरोना को"... छिपे बैठे हैं कुछ भेड़िये इंसानों की शक्ल में, मनोरोगी हैं,पैसों के घमंड में जो ऐंठे बैठे है।। हालत और हालात जज्बातों को बढ़ा देते हैं। शरण में आए हुए... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 20 41 1k Share