Sarika Moondra 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sarika Moondra 20 Dec 2022 · 1 min read राहतें..... तुम्हे राहतों के नगर नहीं ढूंढने, तुम्हे खुद राहत हो जाना है... सुकून की नगरी बसर करती है तुम्हारे भीतर, तुम्हे बस उस तक पहुँचने का रस्ता हो जाना है... Hindi · कविता 128 Share Sarika Moondra 19 Nov 2018 · 1 min read माँ -- जीवन का व्याकरण है हर भाषा के लिए, निर्धारित एक व्याकरण क्या होता है…. ? फिर आखिर , जिंदगी की भाषा का व्याकरण…. स्वयं की संज्ञा में,कौनसी भरें विशेषता , उसके लिए आखिर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 47 1k Share