इंजी. संजय श्रीवास्तव Tag: मुक्तक 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid इंजी. संजय श्रीवास्तव 12 May 2023 · 1 min read आहट हर सांझ तुम्हारे आने की मैं आहट सुना करता था हृदय की हर धड़कन में तुमको ही ढूंढा करता था आओगी तुम जीवन में विश्वास अटल था बचपन से जिंदगी... Hindi · मुक्तक 286 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 11 Apr 2023 · 1 min read तुम सांझ ढलती रही दिन भी निकलता ही रहा स्पंदन भी हृदय में बरसों से बना ही रहा किरण बनके जबसे आई हो दिनकर की तुम अब तो हरदम प्रदीप्त मेरा... Hindi · मुक्तक 244 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 Mar 2022 · 1 min read महादेवी वर्मा महादेवी वर्मा छायावाद का एक सशक्त स्तंभ है नाम महादेवी जिनका है वेदना और करुणा का छायांकन किया नाम महादेवी जिनका है भाषा, साहित्य और दर्शन में जिनकी पकड़ भी... Hindi · मुक्तक 172 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read डबल स्टैंडर्ड आजकल लोग पोलिटिकली करेक्ट बने रहना ज्यादा पसंद करते हैं, सच जानते हैं और समझते हैं पर चुप रहना ज्यादा पसंद करते हैं, कतराते हैं किसी विषय पर अपनी बेबाक... Hindi · मुक्तक 295 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read नेताजी छोड़कर नौकरशाही उसे तो आजादी का अलख जगाना था थामकर कमान आजाद हिन्द की देश को नई राह दिखाना था कैसे कर लेता समझौता वो तो दीवाना था आजादी का... Hindi · मुक्तक 290 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read तेरा दीदार इन आँखों को तेरा दीदार भाता है जैसे ऋतुओं में मधुमास भाता है जिंदगी तेरे बगैर तो अधूरी है मेरी सरल को बस एक तेरा साथ भाता है। संजय श्रीवास्तव... Hindi · मुक्तक 211 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read दो गज दूरी ना हो मायूस ए दिल अब तो साथ इसी के जीना है, इसी के साथ हंसना है और इसी के साथ रोना है, रखो तुम थोड़ी सी सावधानी थोड़ी मैं... Hindi · मुक्तक 173 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read कवि प्रदीप कवि प्रदीप फरवरी की छै को जन्मा वह गीतकार अलबेला था राष्ट्र प्रेम पर लिखने वाला वह गीतकार अलबेला था ए मेरे वतन के गवाकर लता को जिसने अमर कर... Hindi · मुक्तक 315 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read क्यूँ ना कुछ एसा किया जाये निकालें फिर समय क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये मिलें सभी दोस्त क्यूँ ना कुछ ऐसा किया जाये जीने को दुनिया में यूँ तो जी ही रहें हैं हम सभी... Hindi · मुक्तक 219 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read वक़्त बीत चला है दीवारों से मिलकर रोते-रोते अब वक्त बीत चला है तन्हा जीवन जीते जीते अब वक्त बीत चला है आहट तेरे आने की अब नई बहारें लेकर आईं हैं पतझड़ सा... Hindi · मुक्तक 134 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read आजादी छल से नेता बनने को कैसे मैं आजादी कह दूँ साजिश से देश बाँटने को कैसे मैं आजादी कह दूँ कोई दस्तावेज नहीं हैं आजादी का पास हमारे सत्ता के... Hindi · मुक्तक 165 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read स्वामी जी *एक मुक्तक स्वामी जी को समर्पित* संस्कारों के उलटने से ही तो घनानंद बनते हैं, विचारों के संवरने से ही तो स्वामी दयानंद बनते हैं, मिल जाये जब गुरु कोई... Hindi · मुक्तक 418 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 25 Mar 2022 · 1 min read जलता बंगाल जिस बंगाल से हुआ पुनर्जागरण इस समाज का जिस बंगाल से हुआ विकास ज्ञान और शिक्षा का सत्ता के लोलुप लोगों ने क्या हाल बना छोड़ा है जिस बंगाल से... Hindi · मुक्तक 224 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 1 Dec 2021 · 1 min read जी चाहता है तेरी जुल्फों के साए में सो जाने को जी चाहता है, तेरी नशीली आंखों में खो जाने को जी चाहता है, चाहत है मेरी अब ये साथ कभी नही छूटे... Hindi · मुक्तक 457 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 23 Nov 2021 · 1 min read राम राम कोहरे में डूबी हुई सुबह की राम राम आपको, आगमन के शीत ऋतु की भी राम राम आपको, शुभकामनाओं से बढ़कर और क्या करूं मैं अर्पण स्नेह और प्यार भरी... Hindi · मुक्तक 215 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 22 Nov 2021 · 1 min read तुम बहुत प्यारे हैं ये फूल बिलकुल तुम्हारी तरह, महकता है उपवन जिससे किसी खुशबु की तरह, आई हो तुम जीवन में जैसे हो कोई चिराग, रोशन किया है मधुबन किसी... Hindi · मुक्तक 242 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 21 Sep 2021 · 1 min read अपना साथ अपना साथ तेरी तस्वीर से बात करते करते हमने रात बिताई है आज ना जाने क्यों मुझे तेरी बहुत याद आई है यूं तो हरदम ही तुम मेरे हृदय में... Hindi · मुक्तक 1 184 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 15 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी मन मेरा हिंदी तन मेरा हिंदी नाड़ी में दौड़ता रक्त भी हिंदी श्वांस मेरी हिंदी दृष्टि मेरी हिंदी हृदय के अंदर स्पंदन भी हिंदी भोर मेरी हिंदी संध्या मेरी हिंदी... Hindi · मुक्तक 414 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 5 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक आज शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी गुरूजनों को समर्पित चंद पन्क्तियाँ। आशा है पसंद करेंगें। ?????? ### शिक्षक ### ना जाने कैसे कैसे किरदारों को तुमने अपने दम पर... Hindi · मुक्तक 191 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 18 Jul 2021 · 1 min read दामन दोस्ती का दोस्ती के दामन पर क्यूँ एक दाग लगा गया कोई हंसते खेलते परिवार को क्यूँ नजर लगा गया कोई फूटेंगी क्या कोपलें भी कभी इन उजड़े दरख्तों में प्रेम की... Hindi · मुक्तक 2 308 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 2 Jul 2021 · 1 min read रिश्ते एक चेहरे पर दूजा चेहरा लोगों को हमने लगाए देखा, छल और कपट से रिश्ते हमने लोगों को निभाते देखा, चार दिनों की है जिंदगानी फिर भी अजब फरेब तो... Hindi · मुक्तक 379 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 4 Jun 2021 · 1 min read आत्मचिंतन आत्मचिंतन सबको संभालते संभालते अब बिखरने लगा हूँ प्रिये रात भर जाग जाग कर तारे गिनने लगा हूं प्रिये बिन ख़ता के जो सजा पाए जा रहा हूँ मैं आत्मचिंतन... Hindi · मुक्तक 274 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 4 Jun 2021 · 1 min read तेइस मार्च तेइस मार्च कैसे कैसे वीरों की भूमि है माँ भारती मेरी, देश के लिए जिन्होंने सर्वस्व लुटा डाला। छोटी सी उम्र में ही देश प्रेम की जगा अलख, हम सब... Hindi · मुक्तक 295 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 May 2021 · 1 min read मकसद मकसद इधर देखता हूं तुम दिखती हो मुझको उधर देखता हूं तुम दिखती हो मुझको, कहने को दुनिया में चेहरे हैं लाखों हर चेहरे में बस तुम्हीं दिखती हो मुझको।... Hindi · मुक्तक 1 614 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 27 May 2021 · 1 min read बिन प्यार के तेरे बिन प्यार के तेरे ‐------------------ जिंदगी की उड़ान जैसे थम सी गई थी बिन तेरे ये जिंदगी जैसे रुक सी गई थी, तेरा आना तो है जैसे उम्मीद की एक... Hindi · मुक्तक 230 Share