कवि संजय कौशाम्बी Tag: हाइकु 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जग महकाएँ अंधकार हो,जिस पथ पर भी,चलो मिटाएँ खण्ड खण्ड हो,तम का दर्प अब,दीप जलाएँ अनपढ़ है,जब तक कोई भी,न बैठो तुम आओ साथ में,मिलकर शिक्षा की,ज्योति जगाएँ दूषित जल,दूषित भोजन है,दूषित... Hindi · हाइकु 1 2 259 Share