कवि संजय कौशाम्बी Tag: गीत 29 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read नमन करता हूँ मैं नमन नम नैन करते हैं शहीदों की जवानी को नमन करता हूँ मैं सूखे हुए आँखों के पानी को बड़ा ही लाडला था,माँ की वो आँखों का तारा था था... Hindi · गीत 1 458 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read हिंदी में एक कुरआन लिखो भगवान को अब लिख दो खुदा,खुदा को अब भगवान लिखो उर्दू में लिख दो गीता, हिंदी में एक कुरआन लिखो दीपावली पर्व पर मुस्लिम भाई दीप जला लेना हंसी-ख़ुशी से... Hindi · गीत 1 301 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read लहर लहर लहराये तिरंगा आजादी का दिन गूँजा है जन गण मन के गान से लहर लहर लहराए तिरंगा नीलगगन में शान से सच्चाई की राह चलें हम और इरादे नेक हों भेदभाव की... Hindi · गीत 940 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा गम के काँटों में घिरा गुल मुस्कुराएगा जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा हार मत हिम्मत कदम आगे बढ़ा अब छोड़ दे डर आस्तीनों को चढ़ा अब दुख में... Hindi · गीत 240 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जिंदगी जिंदगी का पता दे मुझे जिंदगी जिंदगी का पता दे मुझे तुझसे खुश कौन है ये बता दे मुझे तुझको जीना कहाँ इतना आसान है शख्स कोई भी हो बस परेशान है खुद में घुटता... Hindi · गीत 359 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जय श्री राम कहा करिए मन हो जाए प्रफुल्लित पल में सुबहो शाम कहा करिए बिगड़ा काम बनाना हो तो जय श्री राम कहा करिए साधारण से साधारण को इस नाम ने खास बना डाला... Hindi · गीत 579 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read होठों की मुस्कान नहीं खोने देना कष्ट हृदय में हो अनंत विस्तृत हो अपयश दिग् दिगंत हो पीड़ा का अदृश्य,अंत पर धैर्य रहे मन मनुज संत इस पीड़ा को विषबेल नहीं बोने देना होठों की मुसकान... Hindi · गीत 289 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read देखें क्या उधर है सीप में मोती मिले या न मिले दीप में ज्योती मिले या न मिले पेट को कर कैद में चल दे मुसाफ़िर आज फिर रोटी मिले या न मिले खोल... Hindi · गीत 1 231 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read राधा याद आती है मेरे ख्वाबों में आकर रात भर मुझको जगाती है कहा कान्हा ने ऊधौ से कि राधा याद आती है अकेले बैठकर गुमसुम वो मुझको सोचती होगी कि पलकें बंदकर हरदम... Hindi · गीत 514 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read हमारे देश में बारूदी खुशबू फिर से उड़ रही हमारे देश में एक बार फिर नदी खून की बही हमारे देश में छत्तीसगढ की धरती ने फिर खूनी ध्वज फहराया है जीवन की... Hindi · गीत 420 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read ऐ चंदा तू जाकर बदलियों में छुप जा है खुशबू हवाओं में वो आ रही है चला जा ऐ भंवरे तू कलियों में छुप जा शरम से कहीं लौट जाए न प्रियतम ऐ चंदा तू जाकर बदलियों मे... Hindi · गीत 179 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read अँधेरा कुछ तो कम होगा न ये सोचो अकेले दूर कैसे तुमसे तम होगा जलाओ ज्ञान का दीपक अँधेरा कुछ तो कम होगा बदलनी है तुम्हे इस देश की तकदीर अब साथी चलो अज्ञानता की... Hindi · गीत 205 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read ये कैसी आजादी है वस्त्र विदेशी तन को ढँकते कूड़ेदान में खादी है तुम्हीं बताओ मुझको बापू ये कैसी आजादी है अन्न उगाने वालों के घर मौत भूख से होती है दशा देखकर झोपड़ियों... Hindi · गीत 1 1 410 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read लगा जैसे तुमने मुझे छू लिया है निशा के शहर में खिली चांदनी जब लगा जैसे तुमने मुझे छू लिया है तुम्हारी घनी लम्बी जुल्फें खुलीं जब लगा जैसे तुमने मुझे छू लिया है।। चुभाकर के दिल... Hindi · गीत 243 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read कवि ऐसे ही होते हैं उड़ जाती है नींद आँख से दिन का चैन भी खोते हैं समझ सके न जिनको दुनिया कवि ऐसे ही होते हैं रूहों की बस्ती में जाकर उनकी गाथा गाते... Hindi · गीत 334 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read ऐ चंदा तू जाकर बदलियों में छुप जा है खुशबू हवाओं में वो आ रही है चला जा ऐ भंवरे तू कलियों में छुप जा शरम से कहीं लौट जाए न प्रियतम ऐ चंदा तू जाकर बदलियों मे... Hindi · गीत 449 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हे हंसवाहिनी हे हंसवाहिनी जीवन का आधार हमें दे दो हम गीली मिट्टी हैं माँ आकार हमें दे दो तुम सरगम में,तुम गीतों में,तुम हो ताल में,लय में दे दो माँ आशीष... Hindi · गीत 290 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हमें हर घड़ी मुस्कुराना पड़ेगा ये माना कठिन है बहुत जिन्दगी ये मगर जी के हमको दिखाना पड़ेगा दबाकर के पीड़ा को औरों की खातिर हमें हर घड़ी मुस्कुराना पड़ेगा तड़पते हुए मन की संवेदना... Hindi · गीत 231 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read रंगमंच का हर किरदार मुबारक है जिस्म रूह के संगम का हर इक अवतार मुबारक है दुनिया के इस रंगमंच का हर किरदार मुबारक है सौ झूठों पर भारी पड़ जाता है सच्चा मौन यहाँ खुशियाँ... Hindi · गीत 189 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read लौट चल जिंदगी आये हैं रूह अपनी जहाँ छोड़कर लौट चल जिंदगी फिर उसी मोड़ पर गोद में लेटकर लोरियाँ फिर सुनें ख्वाब परियों से मिलने का फिर से बुनें फिर से आँचल... Hindi · गीत 245 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 2 min read सजा मघइया मेला रे आया माघ-मघइया जुट गई भीड़ है रेलमरेला रे संगम तट पर तन गए तम्बू सजा मघइया मेला रे साधू-संतन के फौजन मे भांति-भांति के लोग जुटे कौनों के है जटा... Hindi · गीत 453 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read अब मन की पीर लिखेंगे हम अब न धर धीर लिखेंगे हम अपनी तकदीर लिखेंगे हम श्रृंगार की कश्ती डूब गयी अब मन की पीर लिखेंगे हम किस्मत जिनकी खोटी है न रोटी है न लँगोटी... Hindi · गीत 1 4 240 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read दुःख का आलिंगन कर लेना रात अँधेरी घिरी रहे सब अस्त व्यस्त हो जीवन में सर पर हो जाए वज्रपात मंजिल खो जाए अँखियन में उस वक्त़ सँभालो खुद को तुम तन-मन में सम्बल भर... Hindi · गीत 1 2 364 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 2 min read पहली बार गिरा था वो भी आसमान में उड़ने वाला एक परिंदा बोला था पहली बार गिरा था वो भी जब उसने पर खोला था उसके पूरे बदन ने हवा में खाया एक हिचकोला था पहली... Hindi · गीत 1 2 264 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read सोच रहा हूँ जीवन पर इक गीत लिखूँ मैं ईर्ष्या,द्वेष,कलह में लिपटी सच्ची-झूठी प्रीत लिखूँ मैं सोच रहा हूँजीवन पर इक गीत लिखूँ मैं। माँ जीवन का मूर्त रूप अंतर में ढाला करती है कितनो के ही स्वप्न निरंकुश... Hindi · गीत 1 190 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 2 min read नववर्ष तुम्हे मंगलमय हो भाव दया का हो मन में अंतर में अमिट अभय हो नववर्ष तुम्हे मंगलमय हो,नववर्ष तुम्हे मंगलमय हो जीवन की कंटीली राहों में लाखों बाधाएं आएँगी लेंगीं तुम्हारी कठिन परीक्षा... Hindi · गीत 1 435 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बाहर निकाल दो माँ शीश है चरण में बैठे हैं माँ शरण में अब तो दया की दृष्टि हम पर भी डाल दो माँ मंझधार में फंसे हैं बाहर निकाल दो माँ साँसे थमी-थमी... Hindi · गीत 1 251 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 2 min read प्यारा बचपन चला गया.. बिजली,बादल,पानी वाला सुंदर सावन चला गया यादों की सौगात थमाकर प्यारा बचपन चला गया माटी के घर के आँगन में अपना एक बगीचा था छोटे पौधे रोप-रोपकर लोटा भर-भर सीचा... Hindi · गीत 587 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हे माँ सरस्वति तार दे! हे माँ सरस्वति तार दे! तेरी शरण आए हैं हम लेकर मनोरथ पूर्ण कर प्यासे नयन की वेदना हर, ज्ञान दे सम्पूर्ण कर छेड़ दे कुछ राग ऐसा हो हृदय... Hindi · गीत 2 297 Share