Sangeeta Beniwal Language: Hindi 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sangeeta Beniwal 8 Feb 2024 · 1 min read जब कोई दिल से जाता है जब …… दिल से …. कोई जाता है तो वो …… असल में जाता नहीं जाता है तो ….. उसके प्रति …. भरोसा और विश्वास अपनत्व और प्यार जब …..... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कोटेशन · जब …… दिल से …. कोई जाता है तो 2 152 Share Sangeeta Beniwal 8 Feb 2024 · 1 min read कदीमी याद कदीमी याद कोई कदीमी याद ………… पलभर में चिपका देती धीर-गंभीर आनन पर स्माईली स्टीकर। रुला दे हंसते-हंसते, हंसा दे रोते-रोते। कोई कदीमी याद ………. छा जाए मन पर निराशा... Poetry Writing Challenge-2 · Poem · कोट्स · पुरानी यादें · याद 3 1 801 Share Sangeeta Beniwal 18 Jul 2022 · 1 min read हमारे जैसा कोई और.... हमारे जैसी दुनिया कहीं और होगी क्या ? सकल सृष्टि में …… हमारे जैसा ग्रह … कोई और होगा क्या? वहां भी ……. हमारे जैसा जीवन ऐसी माटी …… सागर,वन... Hindi · कविता 2 294 Share Sangeeta Beniwal 11 Jul 2022 · 1 min read प्रेम चिन्ह लो ...... कदम पीछे कर लिए तेरी मन देहरी से मगर निशां ! ... निशां का क्या....? (संगीता बैनीवाल) Hindi · कोटेशन 6 3 523 Share Sangeeta Beniwal 6 Jul 2022 · 1 min read किसे फर्क पड़ता है।(कविता) किसे फर्क पड़ता है बचपन खिलोने खेल के बीता या ढाबे पर छोटु की पुकार संग **** किसे फर्क पड़ता है तुम कार में स्कूल गए या नंगे पांव पास... Hindi · कविता 4 2 919 Share Sangeeta Beniwal 3 Jul 2022 · 1 min read सुन मेरे बच्चे !............ सुनो तुम!........ अब तुम जाओ हमें छोड़कर विस्तारी दायरे तलाशने को आयाम के छौर टटोलने को अपना पहचान पत्र खुद तराशने को सुनो तुम !........... उड़ान ऐसी लेना कि पा... Hindi · कविता 10 6 827 Share Sangeeta Beniwal 30 Jun 2022 · 1 min read पुराने खत पुराने खत भी भुलाए कहां भूलते हैं। जलाये कहां जलते हैं। भावप्रवण मजमून मिटाये कहां मिटते हैं। हसरतों के ज्वार..... थमाये कहां थमते हैं। -----+----- पुराने खतों के हृदय में... Hindi · कविता 7 3 820 Share Sangeeta Beniwal 29 Jun 2022 · 1 min read आओ तुम आओ तुम आओ तुम ……….! अपनी सारी नसीहतें ढ्योढी पर छोड़ कर मुक्त मन का वही दर्पण संग लेकर निहारेंगे उस दर्पण में सरल हो जाएंगे अपना अक्स तुम सा... Hindi · कविता 11 7 946 Share Sangeeta Beniwal 29 Jun 2022 · 1 min read पल पल कोई अटका पल शायद आज लिख दे अपनी जुबानी कोई आपबीती अपनी कहानी --------*----- कोई हर्षित पल शायद आज पिरो दे बिन बात में हंसाई हंसते-हंसते में रुलाई नृतन... Hindi · कविता 9 13 966 Share