Sandeep Thakur Tag: रिश्ते शायरी 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Thakur 6 Feb 2024 · 1 min read रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर रिश्ते से बाहर निकले हैं सदमे से बाहर निकले हैं बरसों अंदर अंदर घुट कर झटके से बाहर निकले हैं आज उदासी तन्हाई के क़ब्ज़े से बाहर निकले हैं नींद... Hindi · Sandeep Thakur Ghazal · Sandeep Thakur Shayari · रिश्ते शायरी · संदीप ठाकुर ग़ज़ल · संदीप ठाकुर शायरी 316 Share