Sandeep Thakur Tag: ज़िंदगी शायरी 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Thakur 28 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल - संदीप ठाकुर ज़िंदगी का भरोसा क्या कब ख़त्म है आँख झपकी ज़रा और सब ख़त्म है छोड़ आदत सफ़र की चलेगा कहां आ गईं मंज़िलें राह अब ख़त्म है फिल्मी किरदार हूं... Hindi · Sandeep Thakur Ghazal · Sandeep Thakur Shayari · ज़िंदगी शायरी · संदीप ठाकुर ग़ज़ल · संदीप ठाकुर शायरी 406 Share